क्या भगवान की भक्ति करने से सारे पाप धुल जाते हैं, अगर हमने जानबूझकर किसी को तकलीफ पहुंचाई हो? यही सवाल आजकल सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है, खासकर प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Maharaj) के एक वायरल वीडियो के बाद। उन्होंने इस पर जो जवाब दिया, वो सीधे दिल को छू जाने वाला है और हर किसी को आत्ममंथन करने के लिए मजबूर कर देता है।
इस वीडियो में महाराज जी ने बिना घुमा-फिराकर बताया कि अगर आप किसी को दुख देकर भगवान की पूजा करते हैं, तो वह भक्ति भगवान तक पहुंचती ही नहीं। भक्ति का असली मतलब क्या है, यह समझने के लिए सिर्फ मंदिर जाना या पूजा करना काफी नहीं है, बल्कि अपने कर्मों और दूसरों के साथ व्यवहार को भी सुधारना जरूरी है।

भगवान की भक्ति के नाम पर किसी को तकलीफ देना कितना सही?
प्रेमानंद जी महाराज ने वीडियो में एक बहुत जरूरी सवाल उठाया, कई लोग सोचते हैं कि अगर वे रोज मंदिर जाते हैं, पूजा-पाठ करते हैं, तो उनके पाप धुल जाएंगे, चाहे वे दूसरों के साथ कैसा भी व्यवहार करें। लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है?
महाराज जी ने साफ कहा कि अगर आप दूसरों को दुख देकर भगवान की भक्ति कर रहे हैं, तो वो भक्ति भगवान तक पहुंचती ही नहीं। उन्होंने समझाया कि भगवान तो करुणा और दया के प्रतीक हैं। अगर आप किसी को रुलाकर उन्हें फूल चढ़ा भी दें, तो उसका कोई महत्व नहीं होता। इस तरह की सोच लोगों को आत्ममंथन करने पर मजबूर करती है कि कहीं हमारी भक्ति दिखावे की तो नहीं?
प्रेमानंद जी महाराज के विचारों से क्या सीख मिलती है?
महाराज जी की बातों से एक बहुत ही गहरी बात निकलकर सामने आती है, भक्ति सिर्फ पूजा-पाठ करने में नहीं, बल्कि अपने व्यवहार, अपने कर्मों और दूसरों के साथ किए गए व्यवहार में भी होती है।
उन्होंने कहा, “अगर आपका व्यवहार दूसरों के लिए नकारात्मक है, आप लोगों को नीचा दिखाते हैं, अपमानित करते हैं या कष्ट देते हैं, और फिर पूजा करते हैं, तो समझ लीजिए कि वो पूजा भगवान तक नहीं जाती।”
इन शब्दों से हमें समझने को मिलता है कि असली पूजा वो है जिसमें इंसान दूसरों के प्रति दया, प्रेम और सहयोग का भाव रखे। क्योंकि भगवान को खुश करने का सबसे सरल तरीका है, उनकी बनाई हुई माया यानी इंसानों का आदर करना।
सोशल मीडिया पर क्यों हो रहा है ये वीडियो वायरल?
प्रेमानंद जी महाराज का ये वीडियो वायरल इसलिए भी हो रहा है क्योंकि इसमें उन्होंने एक ऐसी सच्चाई पर बात की है, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। भक्ति का मतलब सिर्फ दिखावा नहीं होना चाहिए, बल्कि सच्चे दिल से की गई सेवा, दया और विनम्रता ही असली भक्ति है। लोग इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं, क्योंकि इसमें कहीं न कहीं वो जवाब है जो शायद उन्हें खुद से पूछना चाहिए था, “क्या मैं सच में भक्ति कर रहा हूं या बस उसका दिखावा कर रहा हूं?”