भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मानसिक प्रक्रिया, अनुभव, व्यक्त व अव्यक्त दोनों प्रकार के व्यवहार के क्रमबद्ध और वैज्ञानिक अध्ययन को मनोविज्ञान (Psychology) कहते हैं। मनोविज्ञान अनुभव का विज्ञान है। वाटसन ने इसे परिभाषित करते हुए कहै है कि ‘मनोविज्ञान, व्यवहार का निश्चित या शुद्ध विज्ञान है।’ हम इससे किसी के व्यवहार और उसके पीछे छिपे कारण जान सकते हैं। साथ ही इसे समझकर कई तरह की मानसिक परेशानियों, रोगों व अनियंत्रित व्यवहार को सुधार सकते हैं।
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मनोविज्ञान हमें जीवन से जुड़ी बहुपयोगी जानकारी भी देता है। इसे पढ़ समझकर हम अपने जीवन में कई तरह की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं और चुनौतियों को पार कर सकते हैं। जैसे मनोविज्ञान कहता है कि अगर आप प्रॉब्लम पर फोकस करेंगे तो आपको और प्रॉब्लम्स होंगी। लेकिन अगर आप संभावनाओं पर फोकस करें तो आपको अधिक अवसर मिलेंगे। वहीं मनोविज्ञान के मुताबिक जो लोग खुश रहते हैं वो दूसरों की मदद करते हैं, ज्यादा हंसते हैं कम बोलते हैं और उनकी आयु भी लंबी होती है। जिस तरह लोहे को कोई और चीज नहीं बल्कि खुद उसमें लगा जंग ही खत्म कर देता है उसी तरह मनुष्य को भी उसकी नकारात्मक मानसिकता ही खत्म कर सकती है।
अगर कोई व्यक्ति अपनों के साथ अच्छा व्यवहार कर रहा है, इसका ये मतलब नहीं कि वो अच्छा मनुष्य है। अपनों के साथ सभी अच्छे रहते हैं। उसके अच्छे होने की निशानी इस बात से पता चलेगी कि वो गरीब या कमजोर लोगों के साथ कैसा व्यवहार करता है। शरीर की हर कोशिका का आपके विचारों पर प्रभाव पड़ता है। नकारात्मक सोच से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। जिन लोगों में आत्मसम्मान की कमी होती है वो दूसरों में अधिक गलतियां निकालते हैं। एक मनुष्य के लिए सबसे मुश्किल काम में से एक ये बात सोचना है कि ‘अब मुझे किसी की परवाह नहीं है।’ वहीं जरुरत से ज्यादा सोने वालों को और सोने का मन करता है।
आपका दिमाग आधे से ज्यादा समय सिर्फ यादों को दोहराता है। वहीं ये एक खतरनाक तथ्य है कि दिल टूटने से मौत भी हो सकती है, इसे stress cardiomyopathy कहते हैं। अगर कोई हमें इग्नोर करता है तो वही केमिकल रिलीज होते हैं चोट लगने पर होते हैं। जो लोग ज्यादा हंसते हैं उनमें दर्द सहने की क्षमता दूसरों के मुकाबले अधिक होती है। हम जो भी सोचते हैं उसका 90 फीसदी हमारे मूड पर असर करता है। मतलब एक बुरा खयाल आपके सारे मूड को खराब कर सकता है। जो लोग व्यंग्य समझने में मााहिर होते हैं वो दूसरों का दिमाग भी पढ़ सकते हैं। थके होने पर लोग ज्यादा ईमानदारी से जवाब देते हैंं। सोने से पहले जिस व्यक्ति का खयाल आपको आता है वो आपकी खुशी या दुख के लिए जिम्मेदार होता है।