मुगल दरबार से निकली ‘चटनी’, ऐसे बनी हर भारतीय थाली की जान! चटकारे लेकर खाते हैं लोग

किसी-किसी घर में यदि थाली में चटनी ना परोसी जाए, तो उनका खाना पूरा नहीं होता। अब सवाल यह होता है कि आखिर विभिन्न प्रकार की चटनियां थाली में पहुंची कैसे। इसका इतिहास क्या रहा है।

भारतीय थाली में किसी भी चीज की चटनी के बिना स्वाद अधूरा माना जाता है। यह थाली की रंगत को बढ़ाने के साथ-साथ स्वाद घोलने का काम भी करता है। मिर्च, मसाले और जड़ी बूटियों का यह मिश्रण बेहद लाजवाब होता है। खानपान में चटनी की एक खास जगह है। अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग तरह की चटनी देखने को मिलती है। किसी-किसी घर में यदि थाली में चटनी ना परोसी जाए, तो उनका खाना पूरा नहीं होता। अब सवाल यह होता है कि आखिर विभिन्न प्रकार की चटनियां थाली में पहुंची कैसे। इसका इतिहास क्या रहा है।

भारतीय खानपान में चटनी की शुरुआत का भी एक शाही इतिहास रहा है, जो कि मुगल बादशाह शाहजहां से जुड़ा हुआ है। इसके बारे में आज हम आपको विस्तारपूर्वक बताने वाले हैं।

रसोई का अहम हिस्सा

हमारी रसोई का अहम हिस्सा रहने वाली चटनी लोगों को काफी ज्यादा पसंद आती है। कुछ लोग टमाटर की चटनी बनाते हैं, तो कुछ लोग पुदीना की चटनी खाना पसंद करते हैं। कुछ लोगों को मिर्च मसाले वाली चटनी भाती है, तो कुछ लोग मीठी चटनी पसंद करते हैं। अलग-अलग पकवान के लिए अलग-अलग तरह की चटनियां बनाई जाती हैं। इसके बिना भारतीय लोगों का खाना अधूरा भी रहता है।

जानें इतिहास

इतिहासकारों की मानें, तो इसका इतिहास मुगल बादशाह शाहजहां से जुड़ा हुआ है, जो एक बार कभी बीमार पड़ गए थे। उनके पेट में तेज दर्द हो रहा था। उन्हें किसी भी तरह के व्यंजन से आराम नहीं मिल रहा था। तब उनके हकीम और वैद्य ने शाहजहां को कुछ ऐसा खाना खाने की सलाह दी, जो हल्का हो और आसानी से पच जाए। इसके साथ ही वह पेट के लिए आरामदायक हो। तब दरबार के ही एक हकीम ने विभिन्न जड़ी-बूटियां, ताजी सब्जियां और मसाले को मिलाकर एक पेस्ट बनाने का सुझाव दिया, जिसमें पुदीना, धनिया, अदरक, लहसुन, हरी मिर्च और कुछ खास मसाले का इस्तेमाल किया गया। जिसे रसोइयों ने तैयार कर पेश किया और शाहजहां को परोसा गया। इसे खाने के बाद बादशाह को स्वाद तो पसंद आया ही, बल्कि उनके पेट दर्द से भी उन्हें काफी राहत मिली। धीरे-धीरे यह चटनी बादशाह रोज खाने लगे।

चटकारे लेकर खाते हैं लोग

ऐसे ही धीरे-धीरे यह औषधीय और स्वादिष्ट पेस्ट शाही रसोई से निकलकर आम लोगों की रसोई तक जा पहुंचा, जिसे चटनी का नाम दिया गया। लोग अपनी पसंद और इनग्रेडिएंट्स के हिसाब से इसे बनाते हैं। हर क्षेत्र में अलग-अलग तरह की खास चटनी बनाई जाती है, जिसे लोग बड़े ही चाव से खाना पसंद करते हैं। किसी भी शहर, गांव या कस्बा में विभिन्न प्रकार की चटनियां बनाई जाती है, जिसे परिवार के सदस्य चटकारे ले-लेकर खाते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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