मई के महीने में लगाए ‘रात की रानी’, बारिश आने तक फूलों से भर जाएगा हर कोना

रात की रानी का पौधा मई में लगाने से मॉनसून में खिलते हैं सुगंध से भरे ढेरों फूल, जानें सही वक्त, मिट्टी और देखभाल की ट्रिक। सुगंध से पूरा घर महका देगा ये प्लांट, बस अपनाएं कुछ खास टिप्स और सही समय।

गर्मियों में बागवानी का असली मजा तब आता है, जब आंगन में महकते फूल हों। और रात की रानी उन खास पौधों में से एक है जो गर्मी के दिनों में न सिर्फ तेज़ी से बढ़ती है, बल्कि बरसात तक आते-आते इतने फूल देती है कि पूरा घर उसकी खुशबू से भर जाता है। यह पौधा रात के समय खिलता है और इसकी भीनी-भीनी महक मन को सुकून देती है। गर्मियों में इसे लगाने का फायदा यह होता है कि इस मौसम में इसकी ग्रोथ तेज होती है और मॉनसून तक यह अच्छी तरह से स्थापित हो जाता है।

मई का महीना रात की रानी लगाने के लिए सबसे सही समय माना जाता है। यह वो समय होता है जब न मिट्टी बहुत ठंडी होती है और न ही बहुत गीली, जिससे पौधे की जड़ें अच्छे से जमती हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि आपके गार्डन में हर शाम महके फूल खिलें और पूरे मोहल्ले में उसकी खुशबू की चर्चा हो, तो अब देर न करें। आज ही इस पौधे को लगाइए और जानिए इसे लगाने का सही तरीका, देखभाल की जरूरी बातें और वो छोटी-छोटी टिप्स जो इसे और ज्यादा खूबसूरत बना देंगी।

मई में क्यों लगाएं रात की रानी का पौधा

रात की रानी, जिसे अंग्रेज़ी में Night Blooming Jasmine भी कहा जाता है, गर्मियों के मौसम में अच्छी ग्रोथ करती है। मई में तापमान स्थिर होता है और धूप भी भरपूर मिलती है, जिससे पौधा जल्दी जड़ पकड़ लेता है। इस दौरान अगर आप पौधे को सही तरीके से लगाएंगे, तो मॉनसून तक यह फूलों से लद जाएगा और हर रात इसकी सुगंध आपको सुकून देगी।

यह पौधा रात के समय फूलता है और इसकी महक इतनी तेज़ होती है कि आस-पास के पूरे वातावरण को महका देती है। गर्मियों में इसकी ग्रोथ तेज होती है और मानसून में इसका फूलने का पीक टाइम होता है। यही वजह है कि मई में इसे लगाना सबसे सही माना जाता है।

रात की रानी के लिए कौन सी मिट्टी रहती है सही?

रात की रानी को लगाने से पहले यह जानना जरूरी है कि इसे किस तरह की मिट्टी और किस स्थान पर लगाया जाए जिससे इसकी ग्रोथ अच्छी हो और यह जल्दी फूल देना शुरू कर दे। इस पौधे को ढीली, रेतीली और अच्छे ड्रेनेज वाली मिट्टी पसंद होती है। भारी और पानी रोकने वाली मिट्टी इससे जड़ों को सड़ने पर मजबूर कर सकती है।

किस जगह पर लगाएं रात की रानी का पौधा

इसे ऐसे स्थान पर लगाएं जहां पूरी धूप आती हो लेकिन दोपहर की तेज धूप से थोड़ा बचाव भी हो। आप इसे गमले में भी लगा सकते हैं, लेकिन गमला बड़ा होना चाहिए ताकि इसकी जड़ें आराम से फैल सकें। मिट्टी में आप गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और थोड़ी रेत मिलाकर पौधा लगा सकते हैं।

रात की रानी का पौधा कैसे लगाएं

  • सबसे पहले मिट्टी तैयार करें जिसमें 50% बागवानी की मिट्टी, 30% गोबर खाद और 20% रेत हो।
  • यदि आप कटिंग से पौधा लगा रहे हैं, तो लगभग 6-8 इंच लंबी कटिंग लें और उसे कुछ घंटों तक छाया में सूखने दें।
  • अब कटिंग को मिट्टी में 2-3 इंच तक दबा दें और हल्के हाथ से पानी दें।
  • गमला हो या जमीन, शुरुआत में हर दूसरे दिन हल्का पानी देते रहें।
  • 15 दिन बाद जब पौधे में नए पत्ते आने लगें, तो हर हफ्ते में एक बार तरल खाद देना शुरू करें।

रात की रानी की देखभाल कैसे करें

  • रोजाना कम से कम 4 से 5 घंटे की धूप जरूरी है।
  • गर्मियों में मिट्टी सूखने पर ही पानी दें। ओवरवॉटरिंग से बचें।
  • पौधे में पुराने और सूखे पत्तों को समय-समय पर काटते रहें।
  • हर 15 दिन में एक बार वर्मी कम्पोस्ट या तरल खाद डालें।
  • गर्मियों में सफेद मक्खी या एफिड लग सकते हैं, जिनसे बचने के लिए नीम ऑयल का छिड़काव करें।

रात की रानी के फायदे और खासियतें

रात की रानी न सिर्फ अपने फूलों की वजह से पसंद की जाती है, बल्कि इसके कई और फायदे भी हैं जो इसे खास बनाते हैं। इसकी खुशबू तनाव को दूर करती है और मन को शांत करती है। यह पौधा हवा को शुद्ध करने का काम भी करता है। घर के वास्तु अनुसार, इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। रात की रानी की कुछ प्रजातियों के फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है।

रात की रानी बनाएं अपने गार्डन की रानी

अगर आप भी चाहते हैं कि आपके गार्डन में एक ऐसा पौधा हो जो रात के समय भी जीवन में ताजगी भर दे, तो रात की रानी जरूर लगाएं। मई का महीना इसके लिए सबसे उपयुक्त है। थोड़ी सी देखभाल, सही मिट्टी और पर्याप्त धूप से यह पौधा ना सिर्फ आपकी बगिया को महकाएगा बल्कि आपके मूड को भी तरोताजा कर देगा।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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