‘रात की रानी’ (Raat Ki Rani) सिर्फ एक पौधा नहीं, एक एहसास है। गर्मियों की रातों में जब इसकी भीनी-भीनी खुशबू हवाओं में घुलती है, तो पूरा माहौल महक उठता है। लेकिन कई लोग शिकायत करते हैं कि उनके गमले में रात की रानी के फूल नहीं खिलते, या बहुत कम फूल आते हैं। ऐसे में अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी बालकनी, आंगन या छत का हर कोना महकता रहे, तो आपको चाहिए बस एक खास देसी घोल सरसों खली का घोल।
बागवानी एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरसों खली से बना लिक्विड फर्टिलाइज़र पौधों के लिए बूस्टर की तरह काम करता है। इसमें मौजूद नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व न सिर्फ पौधे को हरा-भरा बनाते हैं, बल्कि फूलों की संख्या और खुशबू को भी बढ़ाते हैं।
कैसे तैयार करें खास घोल ?
1. सरसों खली का घोल कैसे बनाएं?
- 100 ग्राम सरसों खली लें।
- उसे 1 लीटर पानी में 3 दिन के लिए भिगोकर रखें।
- जब खली पूरी तरह गल जाए, तब उसे अच्छे से छान लें।
- ये घोल अब इस्तेमाल के लिए तैयार है।
- इस घोल को हर 10-15 दिन में एक बार पौधे की जड़ में डालें। ध्यान रखें, इसे सीधे पत्तियों या फूलों पर न डालें।
2. रात की रानी को चाहिए थोड़ी खास देखभाल
- इसे ऐसी जगह रखें जहां कम से कम 4-5 घंटे की धूप मिल सके।
- बहुत ज्यादा पानी देना नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए ज़मीन सूखने के बाद ही पानी दें।
- पौधे की कटाई-छंटाई समय-समय पर करें ताकि नई शाखाएं निकलें और ज्यादा फूल आएं।
- घोल के साथ अगर थोड़ी सी देखभाल कर ली जाए तो ये पौधा आपके पूरे घर को प्राकृतिक परफ्यूम में बदल सकता है।
3. एक्सपर्ट्स की राय
एक्सपर्ट्स बताते हैं, सरसों खली में नाइट्रोजन भरपूर होता है, जो पौधों के पत्तों को हरा-भरा बनाता है और उनकी ग्रोथ को बूस्ट करता है। जब ये पौधा हरा और हेल्दी होता है, तभी उसमें ज्यादा फूल खिलते हैं। खासकर रात की रानी जैसे खुशबूदार पौधों के लिए ये खाद बहुत असरदार साबित होती है। इसके अलावा कई बागवानी प्रेमियों का फीडबैक भी यही कहता है कि इस घोल के इस्तेमाल के बाद फूलों की संख्या दोगुनी हो जाती है और पौधा तेजी से बढ़ता है।





