Raksha Bandhan 2023 : इस रक्षाबंधन बनाइये देसी मोमोज, जानिए स्वाद और सेहत से भरपूर ‘फरे’ बनाने की आसान विधि

Raksha Bandhan 2023 : रक्षाबंधन का त्योहार है और त्योहार का एक अर्थ होता है तरह तरह के पकवान। किसी भी पर्व पर हर घर में कुछ न कुछ खास जरुर बनता है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि बहुत सारा तला हुआ, मीठा या गरिष्ठ खाने के बाद हमारा मन कुछ सादा और स्वादिष्ट खाने का करता है। या फिर ये भी कि बुजुर्गों और बच्चों के लिए ऐसा क्या बनाया जाए जो उनकी सेहत के लिए भी ठीक है और स्वाद में भी बेहतरीन रहे। आज हम आपके लिए ऐसी ही एक रेसिपी लेकर आए हैं।

आजकल ज्यादातर बच्चे मोमोज के बहुत दीवाने हैं। उनका बस चले तो वो हर शाम स्नैक्स में यही खाएं। लेकिन हम भी जानते हैं कि रोज रोज मोमोज खाना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं देसी मोमोज की रेसिपी। इस डिश को ‘फरे’ कहा जाता है और इसे छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के इलाकों में अलग अलग तरीके से बनाया जाता है। आज हम आपके लिए इसकी सबसे सरल विधि लेकर आए हैं।

सामग्री

इसमें मुख्य रुप से दो सामग्री का उपयोग किया जाता है। गेंहूं का आटा- दो कटोरी और चने की दाल- सवा कटोरी। इसे आप अपने परिवार के सदस्यों की संख्या के हिसाब से कम ज्यादा कर सकते हैं। इसके साथ थोड़ा तेल, अदरक, लहसुन, हरी मिर्च, हरी धनिया, सूखे मसाले (नमक, लाल मिर्च-धनिया पावडर, हल्दी, अमचूर, हींग) और थोड़ा सा तेल ले लीजिए।

विधि

रात को चने की दाल धोकर साफ पानी में भिगो दीजिए। सुबह बिना पानी डाले उसे दरदरा पीस लीजिए। अब आटे में थोड़ा मोयन और नमक डालकर गूंथ लीजिए। आप चाहें तो इसमें अजवायन भी डाल सकते हैं। आटे को थोड़ा कड़ा गूंथकर कुछ देर के लिए रख दीजिए। अब पिसी हुई दाल में अदरक-लहसन का पेस्ट, बारीक कटी हरी मिर्च, हरी धनिया, अपने स्वाद के हिसाब से थोड़ा लाल मिर्च पावडर, धनिया पावडर, हल्दी, हल्का सा अमचूर और दो चुटकी हींग मिला लीजिए। इसके बाद आपको आटे की पूरी बेलनी है, उसमें इस दाल के मिश्रण को भरकर गुझिया जैसा आकार बना लीजिए और हर तरफ से बंद कर दीजिए। इसे आप अपना मनचाहा आकार भी दे सकते हैं।

एक तरफ चौड़े मुंह वाले बर्तन में पानी गर्म होने के लिए रखिए और उसमें एक चम्मच तेल डाल दीजिए। जब पानी उबलने लगे तो ये भरे हुए फरे पानी में डाल दीजिए। अब गैस की आंच धीमी कर उन्हें करीब 15 मिनट उबाल लें। बस आपके लिए गर्मागर्म फरे तैयार हैं। इसके साथ बनाइये अपने स्वाद वाली कढ़ी। अगर आप इसे कढ़ी के साथ खाएंगे तो फरे का स्वाद चार गुना बढ़ जाएगा। ये सॉस या मनपसंद चटनी के साथ भी सर्व किए जा सकते हैं। वहीं बचे हुए ‘फरे’ के टुकड़े काटकर अगले दिन फ्राई भी किया जा सकता है। यहां आप एक और विधि भी अपना सकते हैं। अगर पानी में उबालना न चाहें तो इसे स्टीम भी कर सकते हैं।

जैसा कि हमने बताया, अलग अलग स्थानों पर इसे अलग तरीके से बनाया जाता है। कई लोग गेहूं के आटे की बजाय चावल के आटे का उपयोग करते हैं। वहीं, चने की दाल के साथ आप अपनी पसंद की कोई और दाल भी मिला सकते हैं। लेकिन ये डिश बेहद स्वादिष्ट और सेहत से भरपूर है। इसमें तेल का बिलकुल उपयोग नहीं हुआ है और ज्यादा मसाले भी इस्तेमाल नहीं किए गए हैं। वहीं इनके बच जाने पर राई, जीरा, कढ़ी पत्ते के साथ फ्राई करके एक नया स्नैक भी तैयार किया जा सकता है।

 

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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