साहित्यिकी : पढ़ते हैं मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी ‘पंच परमेश्वर’

Hindi kahani : वीकेंड है और ये समय होता है थोड़े आराम का, थोड़े मनोरंजन का। मनोरंजन में हम टीवी, फिल्में, आउंटिंग तो करते ही हैं लेकिन धीरे धीरे हमारी पढ़ने की आदत कम होती जा रही है। तो इस आदत को थोड़ा ठीक करते हैं और पढ़ने का सिलसिला जारी रखते हैं। साहित्यिकी में आज हम लेकर आए हैं मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी ‘पंच परमेश्वर।’ बिगाड़ से डर से ईमान की बात नहीं करेंगे क्या…ये संवाद अक्सर ही हम अपनी बातचीत में उपयोग करते हैं। ये इसी कहानी का मशहूर संवाद हैं। तो आईये पढ़ते हैं ये कहानी।

पंच परमेश्वर

जुम्मन शेख़ और अलगू चौधरी में गाढ़ी मित्रता थी। साझे में खेती होती थी। कुछ लेन-देन में भी साझा था। एक को दूसरे पर अटल विश्वास था। जुम्मन जब हज करने गए थे, तब अपना घर अलगू को सौंप गए थे, और अलगू जब कभी बाहर जाते, तो जुम्मन पर अपना घर छोड़ देते थे। उनमें न खान-पान का व्यवहार था, न धर्म का नाता; केवल विचार मिलते थे। मित्रता का मूलमंत्र भी यही है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।