Sahityiki : साहित्यिकी में आज पढ़िये प्रसिद्ध कहानीकार शिवानी की कहानी ‘सौत’

Sahityiki : आज शनिवार है और अपनी पढ़ने की आदत को सुधारने के क्रम में हम फिर पढ़ेंगे एक हिंदी कहानी। आज हम लेकर आए हैं शिवानी की कहानी ‘सौत’। शिवानी हिन्दी की प्रसिद्ध कहानीकार और उपन्यासकार है। उनका वास्तविक नाम ‘गौरा पंत’ था लेकिन साहित्यिक जगत में वो शिवानी के नाम से जानी जाती हैं। उनकी कृतियों में उत्तर भारत के कुमाऊं क्षेत्र के आसपास की लोक-संस्कृति की बेमिलास झलक देखने को मिलती है। तो आइये पढ़ते हैं ये कहानी।

सौत

मुझे, जब उस बार एक मीटिंग में भाग लेने बम्बई जाना पड़ा तब मेरे सम्मुख मुख्य समस्या आई थी आवास की। कहाँ रहूँगी वहाँ? तब ही अचानक याद आया कि नीरा भी तो वहीं रहती थी। नीरा मेरे दूर सम्पर्क की चचेरी ननद थी। पहले उसे यों अचानक अपने आगमन की सूचना देने में संकोच भी हुआ था। जनसंकुल बम्बई का जीवन कितना कठिन है एवं वहाँ के संकुचित- सीमित आवास में आतिथ्य निभाने में मेजबान के प्राण कैसे कंठगत हो जाते हैं, यह सब जानकर भी मुझे नीरा को लिखना ही पड़ा था, क्योंकि किसी होटल में रहने का साहस अन्त तक मैं सँजो नहीं पाई।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।