Recipe: सावन में बनाएं लौकी की स्पेशल फलाहारी खीर, स्वाद और सेहत का अनोखा संगम

Recipe: सावन का महीना आते ही लोग व्रत और उपवास रखने लगते हैं। इस दौरान लोग तरह-तरह के फलहारी व्यंजन बनाते हैं। इनमें से एक है लौकी की खीर। लौकी एक मौसमी सब्जी है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। सावन में लौकी की खीर बनाकर आप न केवल स्वाद का आनंद ले सकते हैं बल्कि सेहत का भी ख्याल रख सकते हैं।

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Recipe: सावन के पवित्र महीने में उपवास रखते समय फलहारी व्यंजन विशेष महत्व रखते हैं। ऐसे में लौकी की खीर एक पौष्टिक और स्वादिष्ट विकल्प है जो न केवल पेट को भरता है बल्कि ऊर्जा भी प्रदान करता है। लौकी की फलहारी खीर एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है जिसे सावन के व्रत के दौरान आसानी से बनाया और खाया जा सकता है। इसका हल्का स्वाद, मलाईदार बनावट और मेवे की खुशबू इसे विशेष बनाती है। इस सावन, अपने उपवास को स्वादिष्ट बनाने के लिए जरूर आजमाएं यह सरल और पौष्टिक लौकी की खीर।

सामग्री

लौकी: 1 कप (कद्दूकस की हुई)
दूध: 1 लीटर
चीनी: 1/2 कप (स्वादानुसार)
घी: 2 बड़े चम्मच
इलायची पाउडर: 1/2 चम्मच
काजू: 10-12 (कटा हुआ)
बादाम: 10-12 (कटा हुआ)
किशमिश: 10-12
केसर: 8-10 धागे (वैकल्पिक)

विधि

1. सबसे पहले लौकी को छीलकर कद्दूकस कर लें। कद्दूकस की हुई लौकी को थोड़ी देर पानी में डालकर रखें ताकि इसका कड़वापन निकल जाए।
2. एक कड़ाही में 2 बड़े चम्मच घी गरम करें।
3. इसमें कद्दूकस की हुई लौकी डालकर 5-7 मिनट तक मध्यम आंच पर भूनें, जब तक लौकी का कच्चापन खत्म न हो जाए।
4. एक गहरे तले वाले बर्तन में दूध को उबालें। जब दूध में उबाल आ जाए, तो आंच धीमी कर दें और दूध को लगातार चलाते रहें ताकि यह जल न जाए।
5. भुनी हुई लौकी को उबलते हुए दूध में डालें। इसे धीमी आंच पर 20-25 मिनट तक पकने दें। बीच-बीच में चलाते रहें ताकि दूध और लौकी अच्छी तरह से मिल जाएं और गाढ़ी खीर बने।
6. जब खीर गाढ़ी हो जाए, तो इसमें चीनी डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
7. 5 मिनट और पकाएं ताकि चीनी अच्छी तरह घुल जाए।
8. फिर इसमें इलायची पाउडर, काजू, बादाम और किशमिश डालें।
9. अगर केसर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसे थोड़ा सा गर्म दूध में भिगोकर खीर में मिला दें।
10. खीर को आंच से उतार लें और थोड़ा ठंडा होने दें।
11. खीर को एक सर्विंग बाउल में निकालें और ऊपर से थोड़े से काजू-बादाम से सजाएं।

 

 

 

 

 

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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