Relationship Tips : किसी भी रिश्ते में प्यार, भरोसा और विश्वास बहुत मायने रखता है। इसके बिना कोई भी रिलेशनशिप अधिक लंबे समय तक टिक पाना बेहद मुश्किल होता है। वहीं, हर लोगों की अपनी अलग-अलग पर्सनालिटी होती है। कुछ लोगों को कम बोलना पसंद होता है, तो कुछ लोगों को बहुत ज्यादा बोलना पसंद होता है। कुछ लोग कम शब्दों में अपनी पूरी बात को समझा डालते हैं, तो कुछ लोग बहुत अधिक बोलते हुए सामने वाले को समझा पानी में असक्षम होते हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपके रिलेशनशिप में कितनी बातें बोलनी जरूरी होती है और कितनी नहीं, इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…
ब्रिटिश मोटिवेशनल स्पीकर जूलियन ट्रेजर की किताब “हाऊ टू बी हर्ड” इस विचार पर केंद्रित है कि अपनी बात को प्रभावी ढंग से दूसरों तक पहुंचाना एक महत्वपूर्ण कला है। जूलियन ट्रेजर के अनुसार, इस कला में निपुण होने के बाद व्यक्ति की व्यक्तिगत, पेशेवर और सामाजिक स्थिति मजबूत हो सकती है।
ऐसे करें बात
- कम बोले, जितना जरूरी हो उतना ही बोलें।
- बोलते हुए आई कॉन्टैक्ट बनाए रखें यानी आंखों में आंखें डालकर बात करें।
- बातों को रिपीट न करें।
- अपने बारे में कम-से-कम बोलें।
- सामने वाले को भी बोलने का बराबर मौका दें।
- शब्दों के अलावा नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन यानी बॉडी लैंग्वेज पर भी ध्यान दें।
न करें ये गलतियां
- डिफेंसिव मोड में रहें।
- बिना आई कॉन्टैक्ट किए बात करें।
- हाथ-पैर हिलाना या अन्य घबराहट भरी आदतें।
- खिड़की और दरवाजे की ओर देखना।
- चेहरे पर मुस्कुराहट की कमी।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)