भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। अगर आप एक मैच्योर उम्र के बाद किसी रिलेशनशिप (relationship) में गए हैं, तो कुछ बातों का खास खयाल रखना पड़ेगा। 35-40 के बाद की परिपक्व उम्र में जब हम किसी से जुड़ते हैं तो थोड़ी एडजस्टमेंट प्रॉब्लम हो सकती है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रख इस रिश्ते को और मजबूत बनाया जा सकता है।
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- जब हम मानसिक रुप से परिपक्व हो चुके होते हैं तो किसी भी नई चीज को अपनाने में समय लगता है। इसीलिए अपने स्वभाव में लचीलापन लाएं।
- किसी भी बात पर ज़िद न ठाने। हो सकता है आपके अनुभव उस मुद्दे पर अधिक हो, लेकिन सामने वाले की बात भी सुनिये।
- मैच्योर एज के प्रेम में हो सकता है एक पार्टनर अधिक गंभीर हो और दूसरा कम। ऐसे में यदि आपका साथी अपने प्यार को एक्सप्रेस करे या आपसे ये उम्मीद करे तो इसे इग्नोर न करें।
- प्यार का इज़हार या छोटे छोटी बातें बचकानी नहीं, खूबसूरत होती है। चाहे कोई भी उम्र हो, लेकिन इन खुशियों को जीवन में आने दें।
- हो सकता है जो बात आपके पार्टनर को पसंद है, आपको घोर नापसंद हो। बड़ी उम्र में दूसरे की पसंद को अपनाना या खुद को बदलना ज्यादा मुश्किल है। लेकिन फिर भी कोशिश करते रहिये। आप न भी बदल पाएं लेकिन कोशिश करेंगे तो सामने वाला इस एफर्ट का भी सम्मान करेगा।
- जरूरी नहीं कि इस उम्र में आप हमेशा धीर गंभीर ही रहें। अपनी लाइफ में फन और मनोरंजन को भी स्थान दें।
- सरप्राइज, लॉन्ग ड्राइव, कुकिंग, गार्डनिंग जैसी बातें रिश्ते में रंग भरती है। इन्हें आज़माते रहिये।
- इस उम्र तक आते आते आपके और आपके साथी के जीवन में और भी महत्वपूर्ण संबंध बने होंगे। एक दूसरे के दोस्तों रिश्तेदारों का सम्मान कीजिए।
- कभी भी सामने वाले का निरादर न करें। अगर आप उनसे असहमत हैं तो सौहार्दपूर्ण वातावरण में बात कीजिए।
- संवादहीनता की स्थिति न आने दें। किसी भी रिश्ते में आपसी कम्यूनिकेशन बहुत अहम रोल निभाता है।
- उम्र सिर्फ एक नंबर है..पूरी जिंदादिली के साथ जीवन और रिश्ते क जिएं।