Relationship Tips : चाहे रिश्ता पति-पत्नी का हो या फिर भाई-बहन का रिश्ता हो, माता पिता का रिश्ता हो या फिर दोस्ती का रिश्ता हो बिना विश्वास और भरोसे के यह कायम नहीं रह सकता। हालांकि, भारतीय समाज ऐसा है जहां लंबे समय से अंतर धार्मिक विवाह को लेकर लोगों को काफी ज्यादा परेशानियों को सामना करना पड़ता है। ऐसा अक्सर देखा जाता है जब दो जाति के लोग आपस में शादी करते हैं, तो उन्हें बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में दो धर्म के लोगों के बीच शादी तो काफी ज्यादा लोगों के जीवन को प्रभावित करती है। उन्हें केवल समाज ही नहीं, बल्कि कानूनी दांव पेंच का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में लोग इंटरफेथ मैरिज करने लगे हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम कुछ जरूरी बातों के बारे में बताएंगे, जिनका आपको इंटरफेथ मैरिज के दौरान ध्यान रखने की जरूरत है।
इन बातों का रखें ध्यान
- अगर आप इंटरफेथ मैरिज करना चाहते, तो आपको यह ध्यान रखना है कि लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल होना अनिवार्य है।
- इंटरफेथ मैरिज करने से पहले आपको भारतीय संविधान से जुड़े औपचारिकताओं को पूरा करना है। हालांकि, इससे पहले आपको इसे बेहतर तरीके से समझ लेना चाहिए।
- इंटरफेथ मैरिज के लिए कुछ डॉक्यूमेंट जमा करने पड़ते हैं, ताकि अंतर धार्मिक विवाह के बाद कानूनी अधिकार और जिम्मेदारियां को लेकर आप जागरूक रहे।
- दो धर्म के लोगों का मिलना थोड़ा कठिन होता है, क्योंकि दोनों के रिचुअल्स, परंपरा और संस्कृति एक-दूसरे से काफी अलग होती है। इसलिए दोनों एक-दूसरे को सपोर्ट करते हुए एक-दूसरे के रीति रिवाज का ख्याल रखें और इसका सम्मान करें।
- किसी भी दूसरे धर्म के व्यक्ति से विवाह रचाने के पहले उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर ले, क्योंकि जल्दबाजी में किया गया फैसला कई बार गलत भी हो जाता है। ऐसे में समाज तो दूर की बात है, घरवाले भी बाद में साथ छोड़ देते हैं। इसलिए जल्दबाजी में कोई भी फैसला ना लें।
- इंटरफेथ मैरिज करने से पहले आप दोनों पार्टनर्स के लिए जरूरी है कि एक-दूसरे के साथ समय बिताएं। अपने इमोशंस, फिलिंग्स एक-दूसरे के साथ शेयर करें, ताकि आप दोनों एक-दूसरे के बिहेवियर को अच्छी तरह जान सकेंगे।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)