जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। अगर आप किसी रिलेशनशिप हैं तो हमेशा यही कोशिश रहेगी कि आपकी कभी आपस में लड़ाई न हो। इस लड़ाई को टालने के लिए कई जतन भी करते होंगे, लेकिन ये भी जान लीजिए कि जिस रिश्ते में लड़ाई नहीं होती वो रिश्ता भी ज्यादा दिन नहीं टिकता।
रिश्ते में प्यार जितना जरूरी है तकरार भी उतनी ही जरूरी है, वर्ना रिलेशन भी बोझ बन सकता है। हम ये सलाह नहीं देते कि आप रोजाना या हर कुछ दिन में अपने पार्टनर से लड़ें या कोई गंभीर लड़ाई करें, लेकिन ये भी ध्यान रखें कि हेल्दी फाइट रिश्ते के टॉक्सिक्न्स को दूर करती है और आपको एक सेहतमंद रिलेशन देती है।
जानिए एक रिश्ते के लिए लड़ाई कितनी अहम है…
घुटन से बचना है जरूरी
आपको अगर पार्टनर से लड़ाई का डर लगता है और इसी वजह से आप कुछ बातें टाल जाते हैं तो आप गलत कर रहे हैं। अपनी भावनाओं को दबा कर आप अपने रिश्ते को बोझिल कर रहे हैं, आपकी चुप्पी से पार्टनर ये कभी नहीं जान सकेगा कि आपको क्या पसंद है क्या नहीं, इसलिए जरूरी है कि शुरूआत में ही आप पार्टनर को ये समझा दें कि आप किस बात को लेकर तनाव में हैं। बात ज्यादा बढ़ जाए इससे बेहतर है कि कम से कम तनाव भरे माहौल में आप उसे कह दें।
बढ़ सकती हैं दूरियां
लड़ाई झगड़े को ज्यादा इग्नोर करते हैं तो बातचीत भी कम होने लगती है। बार बार बातों को इग्नोर करने की आदत से कम्यूनिकेशन गैप बढ़ने लगेगा। बातचीत कम होगी तो प्यार का अहसास भी कम होने लगेगा। बात प्यार पर बन आए उससे अच्छा है कि तुरंत गिले शिकवे दूर कर लिए जाएं, क्योंकि ज्यादा बातें जमा हो जाएंगी तो मामला भी उतना ही गंभीर हो जाएगा।
बढ़ेगी रिश्ते की बोरियत
जब आप तनाव डर से एक दूसरे से बचते रहेंगे तो जाहिर सी बात है कि घर में साथ रह कर भी बात करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं होगा। नतीजा ये होगा कि एक छत के नीचे रह कर भी आप दोनों अकेले ही रहेंगे और अपने रिश्ते में बोरियत महसूस करेंगे।
दिखावा बनकर रह जाएगा रिश्ता
आप ये सोचकर खुश हो सकते हैं कि आपके और आपके पार्टनर के बीच कभी लड़ाई नहीं होती, लेकिन ये सिर्फ दिखावे का रिश्ता होगा। क्योंकि लड़ाई रोकने के लिए या तो आप अपनी इच्छाओं को मारेंगे या फिर अपने पार्टनर को हमेशा अपनी बात मनवाएंगे, ऐसे में दोनों के लिए रिश्ता सिर्फ एक दूसरे को खुश रखने के लिए होगा। प्यार के लिए नहीं।बेहतर यही है कि जब आपको पार्टनर की बात पसंद न आए या गलत लगे उसी वक्त उन्हें बोल दें, उस वक्त बात कम से कम तनाव में खत्म हो सकती है, तनाव बढ़ा तो रिश्ते में ज्यादा कड़वाहट घुल सकती है।