Relationship tips : रिश्ते में होने का अर्थ ये नहीं कि इन बातों पर समझौता किया जाए

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। जब हम किसी रिलेशनशिप (Relationship) में होते हैं तो ज़ाहिर तौर पर अपने पार्टनर पर अधिकार भी रखते हैं। लेकिन कई बार ये अधिकार उस सीमा का हनन करने लगता है, जहां दोनों के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती है। किसी भी रिश्ते में निज स्पेस और वैयक्तिकता की जगह होनी चाहिए और ये बात दोनों पार्टनर के लिए लागू होती है। इसलिए न तो सामने वाले पर वैसा हक़ जताएं जो दायरे से बाहर हो, न ही अपने आपको इतना बदले कि आप वो रह ही न जाएं जो हैं दरअसल। आज हम इसी पर बात करेंगे कि रिश्ते में होने का मतलब ये नहीं कि हम खुद को या सामने वाले को बदल दें।

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  • किसी रिश्ते में होने का अर्थ ये नहीं है कि हम अपने पार्टनर को पूरी तरह बदलना चाहें। कुछ बातें या आदतें समय के साथ बदलती ही हैं लेकिन इसके लिए सामने वाले को फोर्स करना और वो जो है उससे पूरी तरह बदल जाने की अपेक्षा करना गलत है।
  • हर किसी का एक प्रायवेट स्पेस होता है। उसमें बेवजह और सामने वाले की अनिच्छा के बावजूद एंटर करने की कोशिश करना सरासर गलत है।
  • सामने वाले के लिए ही नहीं…रिश्ते में अपने लिए भी उतनी ही आजादी रखनी चाहिए। कभी भी वो बनने की कोशिश मत कीजिए जो आप हैं नहीं। भले ही आपसे आपका पार्टनर ये उम्मीद रखे कि आप उसके मुताबिक ढल जाएं, लेकिन जिसमें आप कम्फर्टेबल नहीं है वो काम कभी मत कीजिए।
  • टॉक्सिक या नुकसान पहुंचाने वाली बातों या आदतों को सहन करना। ये बात न तो रिश्ते के लिए ठीक है न ही आपके लिए।
  • ऐसी बातों को सीक्रेट रखना जो आप दोनों से जुड़ी हों। अगर दोनों में से कोई भी पार्टनर कुछ ऐसी बातों को सीक्रेट रख रहा है जो संदेहास्पद है तो ये एक संकेत है।
  • अपनी आवाज को दबा देना और सामने वाले की हर बात पर राज़ी हो जाना। अगर आपको लगता है कि इससे वो खुश होगा तो एक बार अपनी खुशी के बारे में भी सोचिए।
  • अपने किसी भी विचार के ऊपर सामने वाले के विचार या निर्णय को रखना। सारे फैसले लेने का अधिकार उसे दे देना और खुद एक साइलेंट पार्टनर बनकर रह जाना।
  • अगर आपके रिश्ते में शारीरिक या किसी भी अन्य तरह की हिंसा है तो उसे सहन कभी नहीं करना चाहिए। किसी भी रिश्ते में हिंसा का कोई स्थान नहीं हो सकता है।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।