Relationship Tips : कोई भी रिश्ता प्यार, विश्वास और भरोसे के आधार पर ही टिका होता है। चाहे वह प्यार का रिश्ता है, चाहे वह दोस्ती का रिश्ता है या फिर वह पति-पत्नी का रिश्ता है, जहां प्यार नहीं वहां विश्वास नहीं होता और जहां विश्वास होता है वहां प्रेम अपने आप हो जाता है। वहीं, आजकल शादी से पहले एक-दूसरे को डेट करते हैं। एक-दूसरे को जानते हैं, समझते हैं, जिसे बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड का नाम दिया गया है। कई बार जीवन में ऐसी समस्याएं आती है, जब दोनों के जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। इस दौरान एक-दूसरे के प्रति वफादारी ही प्यार की सच्ची निशानी होती है। यह एक ऐसा समय होता है, जब आप किसी दूसरे के साथ मूव ओन करने की सोच लेते हैं। इस दौरान उसके प्रति आपकी लॉयलिटि ही प्यार है। आप अपने पुराने प्रेमी को भुलाकर अपनी पूरी दुनिया उस एक इंसान में ढूंढ़ते हैं, अगर वैसा इंसान आपको मिल गया है, तो भूलकर भी उस इंसान को अपने पास्ट के लिए तकलीफ ना पहुंचाएं। आपको यह एक्सेप्ट कर लेना चाहिए कि वह आपका पास्ट था, जिसे बदला नहीं जा सकता लेकिन पास्ट के कारण वर्तमान को तकलीफ पहुंचाकर अपने भविष्य को ना खराब करें। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको एक्स से दोस्ती रखने के दौरान उन सीमाओं के बारे में बताएंगे, जिन्हें आपको कभी भी क्रॉस नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं विस्तार से…
इन बातों का रखें ख्याल
- प्लेटोनिक रिलेशन हो यानी सेक्शुअल या रोमांटिक अट्रैक्शन न हो।
- दोस्ती के सेम पेज पर हों और दोस्ती की समान उम्मीदें हों।
- दोनों पार्टनर पुराने गिले-शिकवे भूलने के लिए तैयार हों।
- पार्टनर अब्यूसिव न हो, अलग होने की वजह चीटिंग न हो।
- अलग होने के बाद दोस्त बने रहने के लिए इमोशनल मैच्योरिटी जरूरी है।
- ध्यान रखें कि एक्स से दोस्ती के चक्कर में मौजूदा पार्टनर संग रिश्ते खराब न हों।
- फिजिकल रिलेशन बना कर इस रिश्ते को खराब न करें।
पुराना रिश्ता दोस्ती में बदलना जरूरी
इसे लेकर ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. कैरी जेनकिन्स ने एक किताब लिखी है। जिसका नाम “व्हॉट लव इज” है। जिसमें उन्होंने बताया है कि जब एक रोमांटिक या वैवाहिक रिश्ता समाप्त हो जाता है, तो उसे दोस्ती में बदलना बेहतर होता है। उनके अनुसार, किसी भी रिश्ते की असली परीक्षा तब होती है जब दोनों पार्टनर अलग हो जाते हैं। साथ रहने पर एक-दूसरे के साथ अच्छी बातें और एक्टविटिज करना तो बेहद आम बात है, लेकिन असली प्रेम वही है जो अलग होने के बाद भी एक-दूसरे के प्रति स्नेह और भावनात्मक लगाव बनाए रखता है।
जेनकिन्स ने इस किताब में लिखा है कि असली प्रेम में अलगाव के बाद भी दोस्ती को बनाए रखा जा सकता है। यह दोनों पार्टनर्स के लिए फायदेमंद भी होता है। जब दोनों पार्टनर्स में से कोई एक या दोनों नए रिश्ते की शुरुआत कर रहे हों, तब पुराना रिश्ता दोस्ती में बदलना और भी जरूरी हो जाता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)