क्या आपके गुड़हल (Hibiscus Plant Care) के खूबसूरत पौधे पर सफेद रूई जैसे कीड़े नजर आ रहे हैं? अगर हां, तो सावधान हो जाइए। ये कीड़े आपके पौधे की सेहत को धीरे-धीरे खोखला कर सकते हैं। पर घबराइए नहीं, इन्हें भगाने के लिए आपको महंगे केमिकल्स की जरूरत नहीं है।
हम आपको बताने जा रहे हैं 4 आसान, सस्ते और 100% असरदार घरेलू उपाय, जिनसे आप बिना किसी खर्च के अपने गुड़हल के पौधे से सफेद कीड़े यानी मीली बग्स को पूरी तरह हटा सकते हैं। ये टिप्स न सिर्फ आपके पौधे को बचाएंगी, बल्कि उसे पहले से भी ज्यादा हरा-भरा बना देंगी।
गुड़हल के पौधे में सफेद कीड़ों से कैसे बचाएं
1. सफेद कीड़े क्यों लगते हैं गुड़हल के पौधे में?
गुड़हल का पौधा देखने में जितना सुंदर होता है, उतना ही कोमल और नाजुक भी। यही वजह है कि ये पौधा मीली बग्स (mealybugs) जैसे कीड़ों के लिए आसान टारगेट बन जाता है। ये कीड़े सफेद रंग के, छोटे और रूई जैसे होते हैं जो पौधे की पत्तियों और तनों पर जम जाते हैं। ये पौधे का रस चूसते हैं जिससे पत्तियां मुरझाने लगती हैं और धीरे-धीरे पौधा कमजोर हो जाता है। मीली बग्स आमतौर पर नमी और ज्यादा उर्वर मिट्टी वाले गमलों में जल्दी फैलते हैं। इन्हें समय रहते न हटाया गया, तो ये दूसरे पौधों में भी फैल सकते हैं।
2. साबुन और पानी का स्प्रे
सामग्री:
एक चम्मच लिक्विड डिशवॉश या शैम्पू
एक लीटर पानी
इस मिश्रण को एक स्प्रे बोतल में भर लें और सीधे पौधे की उन जगहों पर छिड़कें जहां सफेद कीड़े दिख रहे हों। साबुन की परत कीड़ों को ढक देती है और उनकी सांस की नली बंद हो जाती है, जिससे वे मर जाते हैं। रोजाना एक बार इस उपाय को करने से 3-4 दिन में कीड़े गायब हो जाएंगे।
3. नीम का तेल
सामग्री:
1 चम्मच नीम का तेल
1 लीटर पानी
कुछ बूंदें लिक्विड डिटर्जेंट
सबको अच्छे से मिलाकर स्प्रे बोतल में डालें और दिन में एक बार प्रभावित हिस्सों पर छिड़कें। यह कीड़े तो मारेगा ही, साथ ही नए कीड़ों के आने की संभावना भी खत्म कर देगा।
4. एल्कोहॉल का इस्तेमाल
साफ-सुथरी कॉटन बॉल को एल्कोहॉल में डुबोकर सीधे उन कीड़ों पर लगाएं जो आपको पौधे पर नजर आ रहे हैं। एल्कोहॉल कीड़ों की बाहरी झिल्ली को तोड़ देता है और तुरंत असर करता है। ध्यान रहे, इस उपाय को हर दूसरे दिन करें और पौधे को धूप में न रखें।
पौधे को दोबारा संक्रमित होने से कैसे बचाएं?
- पौधे को नियमित रूप से साफ करें और पत्तियों के पीछे भी जांचते रहें।
- ज्यादा पानी देने से बचें, क्योंकि नमी कीड़ों को आकर्षित करती है।
- अगर एक पौधा संक्रमित हो गया है, तो उसे बाकी पौधों से थोड़ा अलग रखें ताकि संक्रमण न फैले।
- महीने में एक बार नीम तेल का छिड़काव जरूर करें, भले ही कीड़े न हों।





