हर इंसान चाहता है कि उसके पास खूब पैसा हो, लग्जरी लाइफस्टाइल हो और वो आर्थिक रूप से आज़ाद हो, लेकिन ऐसा कम ही लोगों के साथ होता है। इस पर मशहूर इन्वेस्टमेंट गुरु और ‘Rich Dad Poor Dad’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने सीधी और कड़वी बात कही है। कियोसाकी के मुताबिक, गरीब या मिडिल क्लास लोग अमीर बनने की सोच तो रखते हैं, लेकिन उनकी सोच की दिशा गलत होती है। वो सिर्फ कीमत पर फोकस करते हैं, न कि संपत्ति की मात्रा पर।
दरअसल कियोसाकी ने अपनी पोस्ट में कहा कि वह कभी इस बात की चिंता नहीं करते कि सोना, चांदी या बिटकॉइन की मौजूदा कीमत क्या है। उन्हें इस बात की परवाह है कि उनके पास कितनी मात्रा में ये संपत्तियां हैं। उन्होंने लिखा कि उन्होंने बिटकॉइन तब खरीदा जब इसकी कीमत 6,000 डॉलर थी और तब से लगातार अपनी होल्डिंग बढ़ाते जा रहे हैं। काश उनके पास और पैसे होते, तो वो और बिटकॉइन खरीद लेते। उनका मानना है कि 2030 तक बिटकॉइन की कीमत 10 लाख डॉलर तक पहुंच सकती है। ऐसे में जो लोग आज इसकी क्वांटिटी बढ़ा रहे हैं, वही कल सबसे अमीर कहलाएंगे।

Bitcoin में निवेश को लेकर क्या है उनकी राय?
बता दें कि कियोसाकी लंबे समय से बिटकॉइन को भविष्य की करेंसी बता रहे हैं। वे मानते हैं कि दुनिया की मौजूदा फाइनेंशियल व्यवस्था कमजोर है और लोग जो भी पेपर मनी (नकद) में भरोसा करते हैं, उन्हें नुकसान हो सकता है। बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी को उन्होंने बार-बार सुरक्षित भविष्य का जरिया बताया है। उनका कहना है कि जो लोग आज केवल बिटकॉइन की कीमत देखकर डरते हैं, वो उसका असली फायदा नहीं ले पाएंगे। असल सवाल यह नहीं है कि बिटकॉइन अभी कितना महंगा है, बल्कि यह है कि आपके पास कितने बिटकॉइन हैं।
क्यों नहीं बन पाते लोग अमीर?
वही कियोसाकी के मुताबिक, अमीर बनने की चाह रखने वाले लोग अक्सर पैसे की गलत समझ के शिकार होते हैं। वे निवेश की बजाय खर्च बढ़ाते हैं। जब भी उन्हें पैसा मिलता है, वो नया फोन, बाइक या छुट्टियों पर खर्च कर देते हैं, जबकि अमीर लोग उसी पैसे से ऐसे एसेट खरीदते हैं जो उन्हें और पैसा बनाकर दें। उनका फोकस हमेशा इस बात पर होता है कि कितनी संपत्ति उनके नाम है, न कि उसकी कीमत क्या है।