क्या गर्मियों में ऋषिकेश घूमने का है प्लान? गंगा किनारे इन शानदार प्लेस को चुन सकते हैं रुकने के लिए

अगर आप भी गर्मियों में ऋषिकेश जाकर गंगा किनारे शांति और नेचर का मजा लेना चाहते हैं, लेकिन बजट की टेंशन सता रही है तो ये खबर आपके लिए है। यहां हम आपको बताएंगे ऋषिकेश के उन हॉस्टल्स के बारे में जहां सिर्फ 300-500 रुपये में मिलती है आरामदायक रात और खूबसूरत व्यू।

गर्मी की छुट्टियां आते ही लोगों का मन पहाड़ों की ओर भागता है, और उत्तराखंड का ऋषिकेश हमेशा से एक टॉप डेस्टिनेशन रहा है। गंगा किनारे बसे इस शांत शहर में योग, मेडिटेशन, और नेचर का अलग ही अनुभव मिलता है। लेकिन अक्सर ट्रैवलर्स को दिक्कत होती है सस्ते और अच्छे स्टे ऑप्शन ढूंढने में। ऐसे में कुछ बजट हॉस्टल्स आपकी ट्रिप को न सिर्फ किफायती बनाएंगे, बल्कि गंगा किनारे सुकून भी देंगे।

ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला के पास कई ऐसे हॉस्टल्स हैं जो पॉकेट-फ्रेंडली होने के साथ-साथ लोकेशन के हिसाब से शानदार हैं। इन हॉस्टल्स से गंगा का नजारा साफ दिखाई देता है और ज्यादातर जगहों पर योग, ध्यान और वॉकिंग स्पेस की भी सुविधा है। यहां आपको लोकल खाना भी कम दाम में मिल जाता है।

इन होटलों को चुन सकते हैं

यह जगह पहाड़ों के बीच बसी हुई है और हर कमरे से नेचर का खूबसूरत दृश्य नजर आता है। यहां आपको 500 रुपये में एक रात का बेड मिल जाएगा। खास बात ये है कि हॉस्टल के पास एक ओपन फील्ड भी है जहां गेम्स, बोंफायर और म्यूजिक नाइट जैसी एक्टिविटीज होती हैं। आप गो स्टॉप्स ऋषिकेश को भी चुन सकते हैं। यह हॉस्टल राम झूला और लक्ष्मण झूला के करीब है और पतंजलि योग केंद्र के पास स्थित है। यहां एक बेड की कीमत 300 रुपये से शुरू होती है और लोकेशन के हिसाब से ये डील शानदार है। सफाई, वाई-फाई और कैफे जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं।

ऋषिकेश घूमने का बजट फ्रेंडली प्लान कैसे बनाएं?

अगर आप कम खर्च में ऋषिकेश ट्रिप प्लान कर रहे हैं तो सबसे पहले सस्ते हॉस्टल्स बुक कर लेना फायदेमंद रहेगा। ऑफ-सीजन या वीकडेज में हॉस्टल्स और ट्रांसपोर्ट की कीमतें कम होती हैं। लोकल ऑटो या शेयर टैक्सी से आप ज्यादातर टूरिस्ट स्पॉट कवर कर सकते हैं।खाने के लिए घाटों के पास कई लोकल ढाबे और फूड जॉइंट्स हैं जहां 100-150 रुपये में भरपेट खाना मिल जाता है। लक्ष्मण झूला, राम झूला, बीटल्स आश्रम, नीलकंठ मंदिर जैसी जगहें बिना किसी एंट्री फीस के घूमी जा सकती हैं। सुबह के समय घाट पर ध्यान और योग करना, और शाम को गंगा आरती देखना मुफ्त में मिलने वाला वो अनुभव है जो ट्रिप को यादगार बना देता है।


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Ronak Namdev

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मैं रौनक नामदेव, एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मैंने अपनी शिक्षा DCA, BCA और MCA मे पुर्ण की है, तो तकनीक मेरा आधार है और लेखन मेरा जुनून हैं । मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का ।

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