इस दुनिया में एक कर बढ़कर एक जानवर, पशु-पक्षी पाए जाते हैं। इन सभी की अपनी अलग-अलग खासियत होती है। यह वातावरण के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं। कुछ जानवर इंसान प्रेमी होते हैं, तो कुछ जानवर भयानक होते हैं। जिनसे व्यक्ति डरता है। कुछ जानवर घर में रखे जाते हैं, तो कुछ जानवर जंगलों में ही रहते हैं। आज हम आपको एक ऐसे जानवर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो धरती का सबसे दुखी जानवर है। उसका जीवन बेहद अकेला और दर्द भरा रहा था। उसकी साथी की मौत के बाद इसकी उदासी और बढ़ गई।
जी हां! आपको यह सुनकर आश्चर्य जरूर होगा, लेकिन इंसानों की भांति जानवरों में भी फिलिंग्स होती है, जो परिस्थिति के हिसाब से बदलता रहता है।

दुनिया का सबसे दुखी जानवर
वंडरोपोलिस की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में लगभग 8.7 मिलियन यानी 87 लाख पशु प्रजातियां हैं, जो कि प्राकृतिक का एक अहम हिस्सा है। इन सभी प्रजातियों की अलग-अलग खासियत होती है। इनमें कुत्ते, बिल्ली, भेड़, गाय, बकरी, ऊंट, हाथी, बंदर, आदि कई ऐसे जानवर है, जो पाले भी हैं। उनके व्यवहार और भावनाओं के कारण उन्हें खुश जानवर कहा जाता है। यह लोगों के मनोरंजन का भी काम करते हैं।
आर्टुरो
हालांकि, धरती पर एक ऐसा जानवर भी है, जिसे सबसे दुखी जानवर का टैग मिला है। जिसका नाम “आर्टुरो” था, जो कि एक ध्रुवीय भालू यानी पोलर बियर था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आर्टुरो सफेद रंग का पोलर बीयर था, जिसे धरती का सबसे उदास जानवर कहा गया। इसका जन्म अमेरिका में हुआ था, लेकिन 1993 में उसे अर्जेंटीना के चिड़ियाघर में लाया गया, जहां पिंजरे में मादा भालू भी रहती थी, जिसकी साल 2012 में कैंसर के कारण मौत हो गई।
2016 में हुई मौत
मादा भालू की मौत के बाद आर्टुरो एकदम अकेला पड़ गया। उसकी सभी एक्टिविटिज धीरे-धीरे कम हो गई। वह बीमार रहने लगा। अकेलेपन का शिकार हुए आर्टुरो को दूसरे चिड़ियाघर में शिफ्ट करने की मांग भी की गई थी, लेकिन ऐसा हो ना सका। ऐसे में दुनिया का सबसे दुखी जानवर का खिताब उसके नाम हो गया। पशु अधिकारी कार्यकर्ताओं ने उसे दुनिया का सबसे उदास जानवर बताया। हालांकि, साल 2016 में आर्टुरो की मौत हो गई।