प्यार में बार-बार टूटते हैं दिल? सद्गुरु ने बताया सच्चा रिश्ता निभाने का तरीका

आज की युवा पीढ़ी तेज़ी से आगे बढ़ रही है, लेकिन रिश्तों में वो गहराई कहीं खोती जा रही है। सद्गुरु ने हाल ही में बताया कि कैसे आज के युवाओं को प्यार को समझने और निभाने का तरीका सीखने की ज़रूरत है। एक सच्चा और मीनिंगफुल रिश्ता बनाने के लिए कुछ जरूरी नियम हैं जिन्हें फॉलो करना बेहद जरूरी है।

आज की युवा पीढ़ी करियर, सोशल मीडिया और तेज़ रफ्तार ज़िंदगी के पीछे तो भाग रही है, लेकिन भावनात्मक जुड़ाव और रिश्तों (Relationship Tips) की गहराई कहीं छूटती जा रही है। पहले जहां रिश्ते धैर्य, समझ और विश्वास से बनते थे, अब उनमें अधूरापन और अस्थिरता ज़्यादा दिखने लगी है। छोटी-छोटी बातों पर रिश्ते टूट जाते हैं और लोग आगे बढ़ जाते हैं, बिना यह समझे कि असल समस्या कहां थी।

इसी पर बात करते हुए आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ने युवाओं को सच्चे प्यार और रिश्तों को निभाने की गहरी सीख दी है। उनका मानना है कि जब तक हम खुद को नहीं समझेंगे, तब तक किसी और को समझ पाना या निभा पाना मुश्किल है। मीनिंगफुल रिलेशनशिप के लिए कुछ ऐसे नियम हैं जिन्हें हर युवा को अपनाना चाहिए, न सिर्फ प्यार के लिए, बल्कि खुद को बेहतर इंसान बनाने के लिए भी।

युवाओं को प्यार के नाम पर हो रही है जल्दबाज़ी

आजकल रिलेशनशिप की शुरुआत जितनी जल्दी होती है, उतनी ही जल्दी टूट भी जाती है। सद्गुरु कहते हैं कि आज की जेनरेशन “लव” को सिर्फ इमोशन समझती है, लेकिन असली प्यार एक जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि जब तक आप खुद के साथ ठीक नहीं हैं, तब तक किसी और के साथ रिलेशनशिप में टिके रहना मुश्किल है।

युवाओं को पहले खुद को समझने और ग्रो करने की जरूरत है। बिना सेल्फ-अवेयरनेस के कोई भी रिश्ता लंबा नहीं चल सकता। यही कारण है कि छोटी-छोटी बातों पर आजकल ब्रेकअप होना आम हो गया है।

 जरूरी है आत्म-समझ और इमोशनल स्टेबिलिटी

सद्गुरु का मानना है कि रिलेशनशिप में खुश रहना है तो आपको खुद को संभालना आना चाहिए। जब आप भीतर से शांति में होते हैं, तभी आप किसी को बिना शर्त प्यार कर सकते हैं। वरना रिश्ता सिर्फ उम्मीदों और शिकायती बातों का अड्डा बनकर रह जाएगा।

वे बताते हैं कि रिलेशनशिप को बचाए रखने के लिए एक-दूसरे को स्पेस देना, सुनना और समझना बेहद जरूरी है। अगर आप हर समय सामने वाले को बदलने की कोशिश करेंगे, तो प्यार कब नफरत में बदल जाएगा, पता ही नहीं चलेगा।

रिलेशनशिप को निभाने के लिए अपनाएं सद्गुरु के ये 5 रूल्स

  • खुद को जानें: जब तक आप अपने इमोशन, अपनी सीमाएं और अपने डर को नहीं समझते, तब तक आप किसी और को समझ ही नहीं सकते।
  • रिस्पेक्ट दें: रिलेशनशिप में सिर्फ प्यार नहीं, रिस्पेक्ट भी उतना ही जरूरी है।
  • ओवर-एक्सपेक्टेशन न रखें: हर इंसान अलग होता है, इसलिए उसे अपनी तरह से एक्सेप्ट करें।
  • खुद की खुशी दूसरों से न जोड़ें: अपनी खुशी की जिम्मेदारी खुद लें, पार्टनर को इसका ज़रिया न बनाएं।
  • कनेक्शन बनाएं, कंट्रोल नहीं: रिलेशनशिप कंट्रोल का नहीं, कनेक्शन का खेल है।

आज के दौर में क्यों जरूरी है रिलेशनशिप में समझदारी?

सोशल मीडिया और फास्ट लाइफस्टाइल की वजह से आज के रिलेशनशिप्स में धैर्य और गहराई की कमी है। छोटी-छोटी बातों पर ब्रेकअप, फिर नया रिश्ता, इस चक्र में युवा खुद को खोते जा रहे हैं। सद्गुरु की बातों से ये समझ आता है कि रिलेशनशिप एक एहसास है जिसे समझदारी, धैर्य और आत्म-जागरूकता से ही निभाया जा सकता है। वरना ये सिर्फ एक “फेज़” बनकर रह जाएगा, जिसका कोई मतलब नहीं होगा।

 


About Author
Bhawna Choubey

Bhawna Choubey

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

Other Latest News