कर्ज चुकाने के लिए हुआ था सेफ्टी पिन का आविष्कार, जानिए वाल्टर हंट की ये मजेदार कहानी

सेफ्टी पिन सिर्फ एक तार का लूप नहीं, बल्कि किसी जादुई औज़ार की तरह है जो घरेलू ज़रूरतों से लेकर फैशन की दुनिया तक में अपना सिक्का जमा चुका है। ये छोटा सा सुपरहीरो है जो हर बार चुपके से कई मुश्किलें हल कर देता है। स्कूल में शर्ट की बटन टूट जाए तो सेफ्टी पिन बचा लेती है। दुपट्टा और साड़ी संभालने के लिए तो ये सबसे जरूरी चीज़ है। डायपर से लेकर बच्चों के ढीले कपड़े ठीक करने तक सेफ्टी पिन मम्मियों का सुपरपावर है।

कहते हैं कि ज़रूरत ही आविष्कार की जननी होती है..लेकिन हम कहें कि कर्ज भी इसका कारण बन सकता है तो क्या आप मानेंगे। सेफ्टी पिन का अविष्कार कुछ ऐसे ही कारण से हुआ था, अनायास लेकिन अत्यंत उपयोगी और कालजयी। इसे बनाने समय शायद कल्पना भी नहीं की गई होगी कि एक दिन ये घर-घर में इस्तेमाल होगी।

एक छोटा सा मेटल का टुकड़ा जो हर घर की सिलाई किट से लेकर जुगाड़ के जादू तक में अपनी जगह रखता है। दिखने में साधारण, लेकिन इसका रुतबा इतना बड़ा है कि कपड़ों से लेकर फैशन की दुनिया तक छाया हुआ है। आइए, इस छोटी सी सेफ्टी पिन की कहानी जानते हैं।

कैसे हुआ सेफ्टी पिन का आविष्कार

एक साधारण दिन, एक साधारण ऑफिस, और एक साधारण आदमी वाल्टर हंट जिसने अनजाने में दुनिया को एक ऐसी चीज दे दी जो आज हर घर में पाई जाती है। सेफ्टी पिन का आविष्कार किसी प्रयोगशाला में नहीं हुआ बल्कि एक कर्ज उतारने के लिए किया गया। वाल्टर हंट एक मेकैनिक थे जो उस दिन अपने न्यूयॉर्क के कार्यालय में बैठे थे। उन्हें 15 डॉलर के कर्ज ने परेशान कर रखा था। पैसे की तंगी और समय की कमी के बीच हंट ने मेज पर पड़े एक साधारण तार को उठाया और बिना किसी खास मकसद के उसे मोड़ने लगे। उनके दिमाग में पहले से कोई योजना नहीं थी, बस बेचैन मन से उंगलियां चल रही थीं। तार को इधर-उधर मोड़ते हुए हंट ने एक ऐसी डिज़ाइन बना डाली जिसमें एक छोर पर हुक था और दूसरा छोर एक लूप की तरह कपड़े को सुरक्षित पकड़ सकता था।

छोटे से कर्ज की चिंता से ईजाद हुई ये बड़े काम की चीज़

लेकिन जब वाल्टर हंट ने अपने हाथों में बनी इस छोटी-सी चीज को देखा तो उन्हें एहसास हुआ कि यह तो कपड़े जोड़ने का एक शानदार तरीका हो सकता है। ये बिना सुई की चुभन और बिना कपड़े को नुकसान पहुंचाए इस काम आ सकती है इसलिए उन्होंने इसे “सेफ्टी पिन” नाम दिया और 10 अप्रैल 1849 को इसका पेटेंट भी हासिल किया। लेकिन हंट को अपने इस आविष्कार पर ज्यादा भरोसा नहीं था। कर्ज चुकाने की जल्दी में उन्होंने अपने पेटेंट के अधिकार महज 400 डॉलर में बेच दिए जिसमें से 15 डॉलर उधारी चुकाई और फिर अगली खोज की तैयारी में लगा दिए।

दुनियाभर में होती है इस्तेमाल

कौन जानता था कि यह छोटा-सा तार का टुकड़ा एक दिन दुनिया भर में फैल जाएगा?। सेफ्टी पिन ने न सिर्फ कपड़ों को जोड़ने का आसान तरीका दिया बल्कि डायपर, बैग और यहाँ तक कि आपातकालीन मरम्मत में भी अपनी जगह बनाई। आज, यह हर सिलाई किट और घर का एक अनिवार्य हिस्सा है। हम इसे जानें किन किन कामों में लेते हैं लेकिन शायद ही किसी को पता हो कि यह एक कर्ज से जन्मा आइडिया था।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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