मूड बूस्टिंग के लिए केसर है सबसे बेहतरीन तरीका, जानें कैसे

अगर आप अपनी दिनचर्या में थकान और उदासी महसूस कर रहे हैं, तो केसर को अपनी डाइट में शामिल करें. यह न केवल आपके मूड को बेहतर बनाएगा, बल्कि आपको ताजगी और ऊर्जा का भी अहसास कराएगा.

Bhawna Choubey
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केसर (Saffron) एक ऐसा मसाला होता है जो बहुत ही महँगा होता, यह न सिर्फ़ खाने का रंग बदलता है बल्कि स्वाद को भी अच्छा बना देता है, हर घर में केसर का इस्तेमाल तरह-तरह के व्यंजन बनाने में किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि केसर सिर्फ़ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता है बल्कि यह हमारी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फ़ायदेमंद होता है.

दरअसल, ऐसा माना गया है कि केसर का इस्तेमाल करने से कई तरह की मानसिक समस्याएं हल हो जाती है, जैसे बार-बार मन उदास होना, बार-बार हर छोटी-छोटी बातों में तनाव महसूस करना. केसर का सेवन करने से मानसिक सेहत पर सकारात्मक असर पड़ता है. इसे मूड बूस्ट करने का प्राकृतिक तरीक़ा माना जाता है.

मूड बूस्टिंग के लिए केसर है सबसे बेहतरीन तरीका (Saffron)

ऐसा माना जाता है कि केसर का सेवन करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन मसलन सेरोटोनिन बढ़ता है , जिससे तनाव को कम करने में मदद मिलती है. इसके अलावा यह स्लीप पैटर्न को भी सुधारने में काफ़ी हद तक मदद करता है. चलिए इस आर्टिकल में विस्तार से समझते हैं, कि आख़िर केसर का सेवन करने से क्या क्या फ़ायदे होते हैं और किस तरह यह मूड को बूस्ट करने में मदद करता है.

मूड को कैसे बूस्ट करता है केसर?

केसर का सेवन करने से शरीर में पॉज़िटिव एनर्जी महसूस होती है, मूड भी अपने आप ख़ुशनुमा बन जाता है. केसर में क्रोसिन, क्रोसेटिन और सफ़्राइनल जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो दिमाग़ में सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तर को बढ़ाने में काफ़ी हद तक मददगार साबित होते हैं. केसर का सेवन करने से मूड फ़्रेश हो जाता है, और डिप्रेशन की शिकायत भी नहीं रहती है.

स्ट्रेस को कैसे कम करें?

कुछ स्टडी में ऐसा पाया गया है कि केसर का सेवन करने से तनाव कम करने में मदद मिलती है, केसर में ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो नैचरल तरीक़े से स्ट्रेस कम करने में मदद करते हैं, इतना ही नहीं केसर का सेवन करने से मूड स्विंग को भी आसानी से मैनेज किया जा सकता है. जिस तरह से दवाइयाँ स्ट्रेस को कम करने में मदद करती हैं ठीक उसी तरह से केसर स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है. सिर्फ़ फ़र्क इस बात का है कि दवाईयाँ साइड इफेक्ट कर सकती है, लेकिन केसर कभी भी साइड इफेक्ट नहीं करता है.

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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