सैलरी आते ही पानी की तरह बह जाता है पैसा, इन स्मार्ट हैक्स से फालतू खर्चों को करें ZERO और बनें HERO

अगर आपका पैसा बेवजह खर्च हो रहा है और महीने के आखिर में जेब खाली नजर आती है, तो अब संभलने का समय आ गया है! बिना सोचे-समझे खर्च करने की आदत आपकी बचत को खत्म कर सकती है और आपको आर्थिक तनाव में डाल सकती है।

Smart Saving Hacks: क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि जब भी यह 500 रुपये का नोट लेकर घर से निकलते हैं, तो वह मार्केट में धुएं की तरह ग़ायब होने लगता है? चाहे ऑफ़िस से आना जाना हो, दोस्तों से मिलना हो, या फिर छोटी मोटी शॉपिंग ही क्यों न करनी हो, ख़र्चे कई बार बिना वजह बढ़ते चले जाते हैं। यह स्थिति न सिर्फ़ वो आपके महीने के बजट को ख़राब करती है बल्कि आपको मानसिक तनाव भी दे सकती है।

अगर आप भी ऐसी समस्या से परेशान रहते हैं, सैलरी आते ही तरह तरह के ख़र्चे होने लगते हैं, बिलकुल भी पैसा नहीं बच पाता है, तो ऐसे में यह आर्टिकल बिलकुल आपके लिए है, आज हम आपको कुछ ऐसे बेहतरीन तरीक़े बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपने बजट को बेहतर तरीक़े से मैनेज कर सकते हैं। चलिए से जानते हैं कि कैसे आप अपने खर्चों पर लगाम लगा सकते हैं और पैसों की टेंशन से आज़ादी पा सकते हैं।

इन स्मार्ट हैक्स से फालतू खर्चों को करें कण्ट्रोल (Smart Saving Hacks)

सबसे पहले बजट बनाएं

सबसे ज़रूरी और पहला क़दम है अपनी सैलरी के हिसाब से बजट बनाना। सबसे पहले अपने ज़रूरी खर्चों जैसे कि किराया, बिल, राशन आदि में जितने पैसे लगाने वाले हैं उन्हें अलग रखें। इसके बाद जो भी आपकी एक्स्ट्रा ख़र्चे है जैसे की एंटरटेनमेंट, घूमना फिरना, बाहर खाना आदि के लिए कुछ पैसों को अलग रखें, कोशिश करें कि जितने पैसे आपने अलग रखे हैं इन पैसों में से एक भी रुपया ज़्यादा नहीं लगना चाहिए। अपने हर महीने के बजट को फ़ोन में नोट करें, और फिर उसी हिसाब से अपना महीना का ख़र्चा चलाएँ।

कैश का उपयोग करें

आजकल ज़माना पूरी तरह से डिजिटल हो चुका है, ऐसे में लोग अपने पास कैश कम रखने लगे हैं, और सारा पेमेंट सिर्फ़ और सिर्फ़ डिजिटल या फिर UPI के ज़रिए करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि डिजिटल पेमेंट करने से हमें खर्चों का हिसाब नहीं रहता है और हम ज़्यादा ख़र्चा कर बैठते हैं। इसलिए हमें इस घर से निकलते वक़्त अपने साथ कैश रखना चाहिए, और कोशिश करें कि कम कैश में ही आप अपना काम पूरा कर सकें, इस बात का ध्यान रखें कि जीवन में थोड़ा कंजूस होना भी बहुत फ़ायदेमंद होता है।

बाहर का खाना पीना कम करें

कई बार ऐसा होता है कि लोग किसी न किसी काम से घर से बाहर निकलते हैं और बहार निकलने के दौरान उन्हें तरह तरह की खाने पीने की दुकानें नज़र आती है, ऐसे में उनका मन ललचा जाता है और वे बाहर महँगी महँगी चीज़ें खा लेते हैं या फिर पी लेते हैं, आपका अपने ऊपर कंट्रोल होना चाहिए, कई बार लोग अपने दोस्तों के साथ मिलकर हद से ज़्यादा ख़र्च कर बैठते हैं, ऐसा करने से पूरा बजट बिगड़ जाता है। कोशिश करें कि हमेशा घर का खाना ही खाएं, दोस्तों से मिलना अच्छी बात है लेकिन ज़्यादा पैसे ख़र्च करना अच्छी बात नहीं है। महंगे ऑप्शन की बजाय सस्ते ऑप्शन को चुनना चाहिए।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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