“चंदन सा बदन, चंचल चितवन” हिंदी सिनेमा का ये मशहूर गीत चंदन की सुगंध और सौंदर्य को बखूबी बयां करता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि चंदन को सौंदर्य का पर्याय क्यों माना जाता है? भारतीय संस्कृति में चंदन सिर्फ एक लकड़ी नहीं बल्कि पवित्रता, सुंदरता, शीतलता और सेहत का प्रतीक है।
चंदन एक सुगंधित वृक्ष है, जो भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और श्रीलंका विशेषकर पाया जाता है। भारत में कर्नाटक और तमिलनाडु इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। भारत सरकार ने सफेद चंदन को संरक्षित वनस्पति घोषित किया है, क्योंकि इसके अवैध कटान की घटनाएं बढ़ीं हैं। ये इसलिए भी खास है क्योंकि एक चंदन का पेड़ तैयार होने में 15 से 20 वर्ष लगते हैं और इसकी लकड़ी सोने से भी महंगी मानी जाती है।

चंदन का सांस्कृतिक और सौंदर्य के लिए महत्व
चंदन का वैज्ञानिक नाम Santalum album हैं। ये एक सुगंधित पेड़ है और भारत में प्राचीन काल से पूजनीय रहा है। चंदन की लकड़ी का आयुर्वेद के साथ धार्मिक अनुष्ठानों और सौंदर्य प्रसाधनों में विशेष स्थान है। चंदन की शीतल सुगंध और मुलायम बनावट ने इसे सौंदर्य का प्रतीक बनाया। हिंदी फिल्मों में चंदन को अक्सर नायिका की खूबसूरती से जोड़ा जाता रहा है। इसका कारण है इसकी सौम्यता और त्वचा को निखारने की प्राकृतिक क्षमता। चंदन का पाउडर और तेल त्वचा को चमकदार, मुलायम और दाग-धब्बों से मुक्त रखता है। प्राचीन भारत में रानियां चंदन के लेप का उपयोग अपनी त्वचा को निखारने और गर्मी से राहत पाने के लिए करती थीं। आज भी, चंदन साबुन, क्रीम और फेस मास्क में प्रमुखता से इस्तेमाल होता है। चंदन का उपयोग सिर्फ सौंदर्य और सेहत तक सीमित नहीं, बल्कि ये इत्र, अगरबत्ती और फर्नीचर में भी इस्तेमाल होता है।
चंदन के स्वास्थ्य लाभ
1. त्वचा की समस्याओं में राहत: चंदन का लेप मुंहासे, दाग-धब्बे और त्वचा की जलन को कम करता है। यह त्वचा को ठंडक प्रदान करता है और सनबर्न को शांत करता है।
2. तनाव और अनिद्रा में कमी: चंदन की सुगंध मस्तिष्क को शांत करती है। चंदन के तेल की मालिश या इसकी अगरबत्ती जलाने से तनाव और अनिद्रा में राहत मिलती है।
3. पाचन में सुधार: चंदन का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों में पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह पेट की जलन और अपच को कम करता है।
4. जलन और सूजन में कमी: चंदन का शीतल प्रभाव शरीर की आंतरिक और बाहरी सूजन को कम करता है। यह जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों की ऐंठन में भी लाभकारी है।
गर्मियों में चंदन का विशेष महत्व
गर्मियों में चंदन का उपयोग और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। भारत की तपती गर्मी में चंदन की शीतलता किसी वरदान से कम नहीं। चंदन का लेप त्वचा को ठंडक देता है और गर्मी से होने वाली जलन, रैशेज और पसीने की समस्या को कम करता है। गर्मियों में सूरज की तेज किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं। चंदन का लेप सनबर्न को शांत करता है। साथ ही, इसकी सुगंध पसीने की दुर्गंध को दूर करती है। चंदन युक्त टैल्कम पाउडर या परफ्यूम गर्मियों में ताजगी बनाए रखते हैं। चंदन त्वचा की नमी को बनाए रखता है, जो गर्मियों में अक्सर कम हो जाती है। यह त्वचा को रूखेपन से बचाता है। लेकिन अगर किसी को चंदन से एलर्जी हो तो इसके किसी भी तरह के उपयोग से पूर्व डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।