Sawan Songs : सावन यानी बॉलीवुड का सबसे रोमांटिक मौसम, ये हैं सावन के सदाबहार गीत

Shruty Kushwaha
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Sawan Songs : सावन यानी बॉलीवुड का सबसे रोमांटिक मौसम। यूं तो ये मौसम सभी को सुहाना लगता है लेकिन फिल्मों के लिए तो जैसे ये वरदान की तरह है। रोमांस दिखाने के लिए भला बारिश से बेहतर और क्या होगा। इसलिए बॉलीवुड में सावन के मौसम को लेकर कुछ सबसे खूबसूरत गीत फिल्माए गए हैं। आज हम देखेंगे कि वो कौन से सदाबहार गीत हैं जो इस मौसम को और खुशगवार बना देते हैं।

* 1967 में आई फिल्म ‘बहू बेगम’ के गीत ‘पड़ गए झूले सावन ऋतु आई रे’ को इस श्रृंखला का शुरुआती गीत माना जा सकता है। इसे लता मंगेशकर और आशा भोंसले ने गाया था और ये मीना कुमारी पर फिल्माया गया था।

*चुपके चुपके’ फिल्म का गीत ‘अबके बरस सावन में, आग लगेगी बदन में’ को कौन भूल सकता है। 1975 में ये फिल्म आई थी और  शर्मिला टैगोर और धर्मेंद्र पर पिक्चराइज़ इस गीत की लोकप्रियता अब भी बरकरार है

* 1974 में आई फिल्म ‘रोटी कपडा और मकान’ का गीत ‘हाय हाय ये मजबूरी, ये मौसम और ये दूरी..तेरी दो टकिया दी नौकरी मेरा लाखों का सावन जाए’ एक माइलस्टोन है। लता मंगेशकर ने इसे गाया है और ज़ीनत अमान ने बेहद खूबसूरती से निभाया है। सावन सॉन्ग्स में ये अब तक के सबसे सेंसुअल और खूबसूरत गीतों में शुमार होता है।

*’सावन का महीना पवन करे शोर…शोर नहीं सोर..सोर’ सुनील दत्त और नूतन की सादगी भले अभिनय ने इस गीत को इतना बेहतरीन बना दिया है। लता मंगेशकर और मुकेश की आवाज से सजा ये गीत अब भी लोगों के ज़हन में उतनी ही गहराई से उतरा हुआ है।

*एक फिल्म आई थी ‘मंज़िल’ जिसमें अमिताभ बच्चन और मौसमी चटर्जी मुख्य भूमिकाओं में थे। इसका गीत ‘रिमझिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन’ इस मौसम में मोहब्बत करने वालों की बेकरारी को बहुत शिद्दत से दर्शाता है। ये गीत अब भी लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है।

* ‘आया सावन झूम के’ ये गीत ‘सावन’ फिल्म का टाइटल सॉंग है जिसे धर्मेंद्र और आशा पारेख पर फिल्माया गया है। इसमें दोनों बारिश में झूमकर डांस करते नज़र आ रहे हैं।

* ‘सावन के झूले पड़े’ इस गीत को लता मंगेशकर ने आवाज दी है और सावन के महीने में अपने प्रिय को पुकार लगाता हुआ ये गीत बहुत सुरीला और सुंदर है।

* ‘आज रपट जाए तो हमें न उठइयो’ नमक हलाल के इस गीत में अमिताभ बच्चन और स्मिता पाटिल बारिश में जमकर रोमांस करते नज़र आ रहे हैं। स्मिता पाटिल को इस तरह से शायद फिर किसी और गीत में नहीं देखा गया।

 


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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