शमी के पौधे में फूल नहीं आ रहे? बस इस 1 देसी घोल को डालें, हरा-भरा हो जाएगा शनिदेव का पसंदीदा पौधा

Shami Plant: अगर शमी का पौधा सूखा-सूखा दिखता है और अब तक एक भी फूल नहीं आया, तो हो सकता है आप उससे सही तरीके से प्यार नहीं कर रहे। बस एक घरेलू घोल बना लें और जड़ में डाल दें, शनिदेव के इस प्रिय पौधे में हरियाली भी लौटेगी और फूल भी दिखेंगे।

शमी का पौधा सिर्फ पूजा-पाठ और शनि की कृपा पाने के लिए नहीं, बल्कि इसकी हरियाली भी घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने का काम करती है। लेकिन अगर आपके शमी के पौधे (Shami Plant) में अब तक एक भी फूल नहीं खिला है और पत्तियां भी मुरझा रही हैं, तो ध्यान देने की जरूरत है।

इस पौधे को सही पोषण और देखभाल मिल जाए, तो यह खूब फूल देता है। खासतौर पर एक खास देसी घोल है जो आप घर पर बना सकते हैं और जड़ में डाल सकते हैं। इससे ना सिर्फ फूल आने लगते हैं बल्कि पौधा हमेशा हरा-भरा भी बना रहता है।

शमी के पौधे में फूल लाने का देसी तरीका

1. बस एक घोल और कमाल

शमी के पौधे को फूल देने के लिए जरूरी है उसे पर्याप्त पोषण देना। इसके लिए आप सरसों की खली को पानी में भिगोकर एक जैविक घोल तैयार करें। इस घोल को 3-4 दिन तक सड़ने दें और फिर हर 15 दिन में एक बार पौधे की जड़ों में डालें। इससे मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ेगी और पौधा मजबूती से बढ़ेगा।

2. सही धूप और पानी

शमी का पौधा ऐसी जगह लगाएं जहां उसे दिन में कम से कम 4–5 घंटे की धूप मिले। पानी ज्यादा न दें, हफ्ते में दो बार पर्याप्त है, क्योंकि ये पौधा ज्यादा नमी में खराब हो सकता है। ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं और फूल आने का चांस खत्म हो जाता है।

3. कब मिलेगा फूल? थोड़ा धैर्य और सही देखभाल जरूरी

अगर आप नियमित रूप से सरसों खली का घोल दे रहे हैं, पौधे को पर्याप्त धूप मिल रही है और पानी संतुलित मात्रा में दे रहे हैं, तो आपको 3–4 हफ्तों में इसके नतीजे दिखने लगेंगे। नई पत्तियां और छोटे-छोटे फूलों की कलियां नजर आने लगेंगी। यह शनिदेव की कृपा पाने के लिए भी शुभ संकेत माना जाता है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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