Health Tips: पोषक तत्वों से भरा होता शीशम के पत्ते, जानें इसे खाने के 6 फायदे

कुछ शोधों में पाया गया है कि शीशम के पत्तों का सेवन आंत के स्वास्थ्य में सुधार सकता है और पाचन को मजबूत करता है।

Shashank Baranwal
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Health Tips: शीशम के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जोकि शरीर को विषाणुओं और रेडिकल्स के खिलाफ लड़ाई में मदद करते हैं। इसके अलावा, शीशम के पत्तों में कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं, जोकि विभिन्न रोगों के खिलाफ लड़ने में सहायक होते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से इसके पत्तों को चबाने के फायदे…

जानें इसके फायदे

दांतों की सफाई

शीशम के पत्ते चबाने से मुँह की माइक्रोबायोम को सुधारा जा सकता है, जिससे दांतों की सफाई में मदद मिलती है। इससे दांत चमकदार हो जाता है और दुर्गंध खत्म होती है।

मस्तिष्क की कार्यक्षमता

कुछ लोग मानते हैं कि शीशम के पत्तों को चबाने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होती है। साथ ही लोगों का दिमाग शांत होता है और सोचने-समझने की क्षमता का विकास होता है। इसे आप अपनी डेली रुटिन का हिस्सा बना सकते हैं।

तनाव में फायदेमंद

शीशम के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स मुख्य रूप से फ्लावोनॉयड्स, पॉलीफेनोल्स और विटामिन सी होते हैं, जोकि मस्तिष्क के स्वास्थ्य को सुधारते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स आजकल के जीवन में होने वाली तनाव, प्रदूषण और अनियमित खानपान के कारण होने वाले बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

मुंह के रोगों का इलाज

शीशम के पत्ते का उपयोग मुँह के रोगों जैसे मसूड़ों की सूजन, प्योरिया और मुंह के छालों में आराम के लिए किया जाता है।

आंत के स्वास्थ्य का लाभ

कुछ शोधों में पाया गया है कि शीशम के पत्तों का सेवन आंत के स्वास्थ्य में सुधार सकता है और पाचन को मजबूत करता है।

एंटीबैक्टीरियल गुण

शीशम के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जोकि बैक्टीरियल इन्फेक्शन को कम करने में मदद करते हैं।

(Disclaimer- यहां उपलब्ध सूचना सामान्य जानकारी के हिसाब से बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है। अमल में लाने से पहले एक बार संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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