क्या आपके भी कंधों में रहता है दर्द, जानिए कारण और असरदार उपाय

Shoulder Joint हमारे शरीर का सबसे ज्यादा मूवमेंट करने वाला जोड़ है, लेकिन इसी वजह से यह चोट और दर्द का सबसे अधिक शिकार भी होता है। अगर आप लंबे समय तक झुककर बैठते हैं या गर्दन आगे झुका कर मोबाइल देखते हैं (टेक्स्ट नेक सिंड्रोम) तो यह धीरे-धीरे आपके कंधों की ताकत को कम कर सकता है और दर्द की वजह बन सकता है। वहीं, तनाव भी इस दर्द का बड़ा कारण है। पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना आपकी मांसपेशियों और जोड़ों में जकड़न का कारण बन सकता है।

Shruty Kushwaha
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Shoulder Pain Causes and Effective Remedies : आजकल कंधों में दर्द एक आम समस्या बन गई है। खासकर उन लोगों के लिए जो लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करते हैं, गलत तरीके से बैठते हैं, भारी वजन उठाते हैं या फिर शारीरिक गतिविधियों में लापरवाही बरतते हैं। यह समस्या कभी-कभी हल्की होती है, लेकिन कई बार यह गंभीर रूप भी ले सकती है।

कंधों में दर्द से बचने के लिए सही लाइफस्टाइल, नियमित व्यायाम, उचित पोषण और सही बॉडी पोस्चर अपनाना जरूरी है। यदि दर्द हल्का है तो योग, मसाज और घरेलू उपायों से राहत मिल सकती है। लेकिन अगर ये समस्या लगातार बनी रहती है तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है। सही देखभाल और सावधानियों से आप कंधों के दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी है कि समस्या को नज़रअंदाज़ न किया जाए।

क्यों होता है कंधों में दर्द

कंधों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें गलत बॉडी पोस्चर एक मुख्य कारण है। लंबे समय तक झुककर बैठने या खड़े रहने से कंधों की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ जाता है जिससे ये समस्या पैदा हो सकती है। इसी तरह, लैपटॉप या कंप्यूटर का अधिक उपयोग भी कंधों में तनाव बढ़ाने का एक बड़ा कारण है। लगातार स्क्रीन पर देखने और गलत ऊंचाई पर कीबोर्ड इस्तेमाल करने से कंधों की मांसपेशियां कठोर हो सकती हैं।

भारी वजन उठाना भी कंधों के दर्द का एक प्रमुख कारण है। जिम में गलत एक्सरसाइज करने या असंतुलित रूप से भारी सामान उठाने से मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, मांसपेशियों में खिंचाव (Muscle Strain) भी कंधों के दर्द का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। अचानक झटका लगने, गलत तरीके से सोने या किसी चोट के कारण मांसपेशियां प्रभावित हो सकती हैं।

अर्थराइटिस (Arthritis) भी कंधों के दर्द का एक सामान्य कारण है। गठिया या जोड़ों की अन्य समस्याएं कंधों के मूवमेंट को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे व्यक्ति को तेज़ दर्द और अकड़न का अनुभव होता है। फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) एक ऐसी स्थिति है जिसमें कंधों की गतिशीलता कम हो जाती है और दर्द धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। यह समस्या खासतौर पर उन लोगों में देखी जाती है जो लंबे समय तक अपने हाथों का कम उपयोग करते हैं। इसके अलावा, टेंडिनाइटिस (Tendinitis) भी कंधों में दर्द उत्पन्न कर सकता है। इसमें मांसपेशियों और टेंडन्स में सूजन आ जाती है, जिससे हल्के से लेकर गंभीर दर्द तक की समस्या हो सकती है।

कंधों के दर्द से राहत पाने के आसान उपाय

1. सही बॉडी पोस्चय अपनाएं
कंप्यूटर स्क्रीन को आँखों के स्तर पर रखें।
बैठने और खड़े होने के दौरान पीठ सीधी रखें।
सोते समय गर्दन और कंधों को सही सपोर्ट देने वाला तकिया इस्तेमाल करें।

2. स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज़ करें
पेंडुलम स्ट्रेच : हल्के झूले की तरह हाथ को गोल-गोल घुमाएं।
क्रॉस-बॉडी स्ट्रेच : एक हाथ को दूसरी तरफ खींचकर स्ट्रेच करें।
रोटेटर कफ स्ट्रेच : दीवार के सहारे खड़े होकर कंधों को घुमाएं।
योगासन : भुजंगासन, गोमुखासन और ताड़ासन करने से कंधों का लचीलापन बढ़ता है।

3. हल्की मसाज और गर्म-ठंडी सिकाई करें
गर्म सिकाई : सूजन और अकड़न कम करने के लिए हल्के गर्म तौलिये या हीटिंग पैड का उपयोग करें।
बर्फ की सिकाई : दर्द और सूजन को कम करने के लिए 10-15 मिनट तक बर्फ लगाएं।
आयुर्वेदिक तेल मालिश : तिल, नारियल या सरसों के तेल से मालिश करने से रक्त संचार बेहतर होता है।

4. खानपान का ध्यान रखें
एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स खाएं : हल्दी, अदरक, लहसुन और दालचीनी सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
प्रोटीन और कैल्शियम युक्त आहार लें : दूध, पनीर, हरी सब्जियां और बादाम हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
पर्याप्त पानी पिएं : डिहाइड्रेशन मांसपेशियों में जकड़न पैदा कर सकता है।

5. तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें
मेडिटेशन और प्राणायाम करें : यह मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने में सहायक होता है।
7-8 घंटे की अच्छी नींद लें : इससे शरीर की रिकवरी तेजी से होती है।
वर्क ब्रेक लें : हर घंटे में 5-10 मिनट का ब्रेक लें और हल्की स्ट्रेचिंग करें।

डॉक्टर से सलाह लें

कंधों में हल्का दर्द आमतौर पर घरेलू उपायों, नियमित व्यायाम और सही जीवनशैली से ठीक हो सकता है। लेकिन अगर ये दर्द लंबे समय तक बना रहता है, बढ़ता जा रहा है या बार-बार होता है तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर घरेलू उपचार, मसाज, गर्म-ठंडी सिकाई और व्यायाम से भी आराम नहीं मिल रहा है तो ये किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में फिजियोथेरेपिस्ट या ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। किसी भी उपाय को अपनाने से पूर्व विशेषज्ञ का परामर्श लें।)


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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