आज ऑनलाइन सेल्स, फ्लैश डील्स और “तुरंत खरीदें” का दौर है। एक क्लिक और आपका मनपसंद सामान कार्ट में। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया कि कितनी बार हम बिना सोचे-समझे खरीदारी कर बैठते हैं? स्टडीज बताती हैं कि भारत में 60 प्रतिशत से ज्यादा लोग ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान टेंपटेशन में आकर इंपल्स खरीदारी करते हैं। हम अकसर ऐसी चीज़ें खरीद बैठते हैं, जो बाद में बिलकुल उपयोगी नहीं लगती हैं।
आकर्षक ऑफर, लिमिटेड टाइम डील्स, फेस्टिवल डिस्काउंट जैसी बातें हमें लुभाती हैं। लेकिन इन सबमें कब हमारा बजट डगमगा जाता है, हम समझ ही नहीं पाते। इसलिए अब ‘थॉटफुल शॉपिंग’ जैसी बातें महत्वपूर्ण हो गई हैं। अगर हम शॉपिंग को एक कला बना लें..सोच-समझकर, टिकाऊ और स्मार्ट तरीके से खरीदारी करें तो यकीनन ये हमारे लिए फायदे का सौदा होगा। आज हम आपके लिए शॉपिंग से जुड़े कुछ रूल्स और फॉर्मूला लेकर आए हैं..जो आपकी खरीदारी के तरीके को बदल देंगे।
1) 30 Wears Rule: क्या मैं इसे 30 बार पहनूंगा
फैशन की दुनिया में 30 Wears Rule एक क्रांतिकारी सिद्धांत है। यह कहता है कि कोई भी कपड़ा खरीदने से पहले खुद से पूछें “क्या मैं इसे कम से कम 30 बार पहनूंगा” अगर जवाब “हां” है..तो वह चीज़ आपके वॉर्डरोब के लिए बनी है। लेकिन जवाब “ना” है तो शायद वह बस अलमारी में धूल खाएगी। इसलिए उसे खरीदने का इरादा छोड़ दीजिए।
2) Cost-Per-Wear Formula: हर उपयोग की कीमत
कभी सोचा कि आपकी खरीदारी कितनी “किफायती” है? Cost Per Wear Formula इसका जवाब देता है। इसका आसान सा सूत्र है- प्रति उपयोग लागत = वस्तु की कीमत ÷ उपयोग की संख्या। उदाहरण के लिए…5000 रुपये की एक क्वालिटी वाली जींस जो 100 बार पहनी जाए तो उसकी प्रति उपयोग लागत 50 रुपये है। ये फॉर्मूला आपको सस्ते, जल्दी खराब होने वाले सामान से बचाता है और लंबे समय तक चलने वाली चीजों में निवेश को बढ़ावा देता है।
3) 70-20-10 Shopping Rule: बजट का संतुलन
शॉपिंग को संतुलित रखने के लिए 70-20-10 Rule एक शानदार तरीका है। अपनी आय को इस तरह बांटें..70% जरूरी चीजें जो होते हैं किराना, बिल्स, और रोजमर्रा की जरूरतें। 20% इच्छाएं यानी को नई ड्रेस, गैजेट या रेस्टोरेंट का डिनर जो दिल को सुकून दे। और फिर 10% बचत, जो सेविंग आप भविष्य के लिए करते हैं या ईएमआई या किसी कर्ज चुकाने के लिए की जाती है। यह नियम सुनिश्चित करता है कि आप अपनी इच्छाओं को पूरा करें, लेकिन बजट से बाहर न जाएं।
4) One-In, One-Out Rule: अलमारी का अनुशासन
घर में सामान की भीड़ से परेशान हैं तो “One-In, One-Out Rule” इसका जवाब है। हर बार जब आप कुछ नया खरीदें तो उससे पहले पुरानी चीज को दान करें, बेच दें या हटा दें। अगर आप एक नई ड्रेस खरीद रहे हैं तो पुरानी कोई ड्रेस अलमारी से निकाल दें। यह रुल आपके घर को व्यवस्थित रखता है और अनावश्यक खरीदारी को रोकता है।
5) 48-Hour Rule: प्रलोभन पर ब्रेक
ऑनलाइन सेल में कुछ देखा और तुरंत खरीदने का मन है तो खुद को रोकिए और 48-Hour Rule अपनाइए। इसका मतलब है कि कोई चीज खरीदने से पहले 48 घंटे इंतज़ार करें। अगर 48 घंटे बाद भी वह जरूरी लगे, तो खरीद लें। स्टडीज बताती हैं कि 70 प्रतिशत इंपल्स खरीदारी का फैसला पहले 24 घंटों में बदल जाता है। यह नियम आपको सोचने का समय देता है और अनावश्यक खर्चों को कम करता है।
6) 10-10-70 Rule: लंबी सोच
खरीदारी से पहले 10-10-70 Rule के साथ फैसला लें। आपको सोचना हैं कि 10 मिनट बाद इस खरीदारी के बारे में कैसा लगेगा? 10 महीने बाद यह कितनी उपयोगी होगी? और, 70% मौकों पर क्या यह आपके काम आएगी? उदाहरण के लिए एक महंगा गैजेट 10 मिनट बाद तो अच्छा लग सकता है लेकिन क्या 10 महीने बाद भी आप इसे उतना ही इस्तेमाल करेंगे। यह नियम आपको तात्कालिक खुशी के बजाय दीर्घकालिक मूल्य पर ध्यान देने में मदद करता है।





