पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ का बैलेंस नहीं बन पा रहा? अपनाएं 8+8+8 रूल

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ का बैलेंस (Work Life Balance) बनाना एक बड़ी चुनौती बन गया है. कई बार काम के बोझ और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो जाता है. लेकिन 8+8+8 रूल अपनाकर आप आसानी से दोनों को बैलेंस कर सकते हैं.

Bhawna Choubey
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आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में पर्सनल और प्रोफ़ेशनल लाइफ़ को बैलेंस (Work Life Balance) करना बहुत ही मुश्किल होता जा रहा है. अक्सर लोग अपने काम के चलते इतने ज़्यादा परेशान और व्यस्त हो जाते हैं कि वे अपनी पर्सनल लाइफ़ को भूल जाते हैं. यही कारण है कि उनके व्यक्तिगत जीवन में कई तरह की परेशानी आने लगती है.

शुरुआत में कुछ ख़ास फ़र्क नहीं पड़ता है, लेकिन धीरे-धीरे सेहत पर नकारात्मक असर होने लगता है. इसलिए यह समझना बहुत ज़रूरी है कि काम के साथ-साथ अपनी सेहत और पर्सनल लाइफ़ को बैलेंस करना कितना ज़रूरी है.

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पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ का बैलेंस नहीं बन पा रहा? (Work Life Balance)

हम सभी इंसानों के पास दिन के 24 घंटे होते हैं, लेकिन जो व्यक्ति इस समय को सही तरीक़े से इस्तेमाल करता है वही सफल कहलाता है. अगर आप चाहते हैं कि आप 24 घंटे के अंदर अपनी प्रोफ़ेशनल, पर्सनल सारे काम कर सके साथ ही साथ सेहत को भी समय दे सकें, तो ऐसे में आपको 8+8+8 रूल को अपनाएं.

क्या होता है 8+8+8 रूल

8+8+8 एक बहुत ही अच्छी टाइम मैनेजमेंट तकनीक है, इस तकनीक के हिसाब से आपको अपने 24 घंटों को तीन बराबर हिस्सों में बाँटना है. 8 घंटे आपको अपने काम को देना है, 8 घंटे पर्सनल काम को देना है, और 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेना है.

इस रूल के हिसाब से आप अपने दिन की 8 घंटे प्रोफ़ेशनल काम को देंगे, 8 घंटे अपने पर्सनल काम को देंगे और आठ घंटे अपनी सेहत को दे पाएँगे. ऐसा करने से न केवल आपकी प्रोडक्टिविटी और क्रिएटिविटी बढ़ेगी, बल्कि आप के जीवन में संतुलन भी बना रहेगा.

पढ़ाई और जॉब के लिए

अगर आप एक स्टूडेंट हैं तो आपको दिन भर के 8 घंटे पढ़ाई के लिए रखना चाहिए, इन घंटों में आपको मन लगाकर पढ़ाई करनी चाहिए. अगर आप जॉब करते हैं तो आपको अपने काम को आठ घंटे देना चाहिए, यह कोशिश करनी चाहिए कि आप आठ घंटों में मन लगाकर काम करें.

पर्सनल लाइफ के लिए

जब वह पूरे दिन काम करते हैं तो आपका शरीर थक जाता है दिमाग़ भी थक जाता है. ऐसे में आराम के लिए भी आठ घंटे की आवश्यकता होती है, आठ घंटे की पर्याप्त नींद लेने से, शरीर तरोताज़ा रहता है जिससे काम और पढ़ाई में भी मन लगा रहता है.

सेहत के लिए

बचे हुए आठ घंटे आपको अपने परिवार के लिए निकालना चाहिए, अपने परिवार के साथ उठे बैठे, घूमे फिरे और समय बितायें, आप इस समय को अलग अलग एक्टिविटी करने में भी बिता सकते हैं, अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएँ.

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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