ब्लड शुगर बढ़ने से हाथों में इस तरह के होते हैं बदलाव, जानने के लिए पढें पूरी खबर

Shashank Baranwal
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Blood Sugar Symptoms: डायबिटीज की समस्या आज के समय में आम होती जा रही है। लगभग हर उम्र में यह समस्या देखने को मिल रही है। ऐसे में ब्लड शुगर बढ़ने लगता है। जिसको कंट्रोल करना बेहद जरूरी होता है। इसके लिए आपको जितनी जल्दी हो सके, डायबिटीज का अच्छे से इलाज कराना चाहिए। आइए जानते हैं कि डायबिटीज की समस्या से ग्रसित मरीजों में डायबिटीज के कारण हाथों में क्या क्या लक्षण दिखते हैं।

हाथों की स्किन का मोटा और सख्त होना

अगर आपके हाथों की स्किन में मोटापन और सख्तपना दिख रहा है तो यह ब्लड शुगर के बढ़ने लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में आपको जितनी जल्दी हो सके किसी अच्छे से डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज कराना शुरू कर दें।

हाथों में छालों का होना

ब्लड शुगर बढ़ने की समस्या होने पर हाथों में छाले का निकलने की समस्या हो सकती है। हाथों में इन छालों की साइज छोटी और बड़ी भी हो सकती है। फिलहाल इन छालों के कारण दर्द नहीं होता है।

हाथों से पसीना निकलना

ब्लड शुगर बढ़ने के खतरे से हाथों में से ज्यादा पसीने निकलने लगता है। ऐसे में आपको जल्दी में किसी डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज शुरू कर दें।

हाथों के रंगों में बदलाव

अगर आपके हाथों के रंगों में बदलाव नजर आ रहा है तो यह ब्लड शुगर बढ़ने की शिकायत हो सकती है। हाथों के रंग लाल, भूरे और पीले हो जाते हैं। इसके साथ ही हाथों में छोटे छोटे दाने भी निकल आते हैं।

हाथों में जलन

अगर हाथों जलन की समस्या होती है तो यह ब्लड शुगर बढ़ने का कारण हो सकता है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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