Sugarcane Juice : गर्मी का मौसम चिलचिलाती धूप, पसीना और उमस भरी बेचैनी तो लाता ही है..लेकिन इसी मौसम की एक मीठी तस्वीर भी है। इसी मौसम में फलों का राजा आम आता है, ठंडा-मीठा तरबूज राहत देता है और ढेर सारी ठंडक लिए आता है गन्ने का रस। गर्मियां आते ही सड़क किनारे, बाजारों में गन्ने के रस की दुकानें सज जाती है। ये स्वादिष्ट जूस किफायती भी होता है और ढेर सारे गुणों का खजाना भी।
लेकिन ध्यान देना जरूरी है कि गन्ने का रस पूरी हाइजीन के साथ तैयार किया गया है। अगर यह साफ-सफाई न रखी जाए तो ये बीमारियों का कारण भी बन सकता है। वहीं, कुछ और बातों का ध्यान रखना भी बहुत ज़रूरी है। अगर आपको पेट से संबंधित बीमारी हो या डायबिटीज हो तो बहुत एहतियात बरसें। वहीं, तेज गर्मी में बहुत ठंडा रस भी नुकसान पहुंचा सकता है।

गन्ने का रस: स्वाद, ठंडक और ताजगी
तेज धूप में ठंडा-ठंडा गन्ने का रस तुरंत ताजगी और एनर्जी देता है। गन्ने का रस आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है लेकिन इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आइए जानते हैं गन्ने के रस के फायदे, नुकसान, स्वच्छता और सही तरीके से इसका सेवन कैसे किया जाए।
गन्ने के रस के फायदे
गन्ने का रस न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है, बल्कि इसमें कई पोषक तत्व भी मौजूद हैं जो इसे सेहत के लिए लाभकारी बनाते हैं। ये तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। गन्ने के रस में नेचुरल शुगर (सुक्रोज) होती है जो शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देती है। साथ ही ये पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है, जो गर्मी में डिहाइड्रेशन से बचाने में मदद करता है। गन्ने के रस में मौजूद इसमें मौजूद पोटैशियम और फाइबर पाचन को दुरुस्त रखते हैं। यह पेट की जलन और गैस की समस्या से भी राहत दिलाता है। इसमें फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को फ्री रैडिकल्स से बचाते हैं और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, गन्ने का रस पीलिया जैसी लिवर संबंधी समस्याओं में लाभकारी हो सकता है। यह लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। गन्ने के रस में आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन बी जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो हड्डियों, खून और त्वचा के लिए फायदेमंद हैं।
गन्ने के रस के नुकसान
हालांकि गन्ने का रस सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसके अधिक या गलत तरीके से सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। क्योंकि ये नेचुरल शुगर से भरपूर होता है तो इस कारण ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को इसे डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं पीना चाहिए। गन्ने के रस में कैलोरी भी अधिक होती है और बहुत ज्याता मात्रा में पीने से वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है। वहीं, अगर किसी की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है जैसे बुजुर्ग या छोटे बच्चेर तो गन्ने का रस खुली जगह से बिल्कुल न लें।
स्वच्छता के साथ इन बातों का भी रखें ध्यान
सड़क किनारे बिकने वाला गन्ने का रस अगर गंदे बर्तनों या मशीनों से निकाला जाता है तो दूषित हो सकता है। सुनिश्चित करें कि गन्ने का रस निकालने वाली मशीन साफ है। गंदी मशीनों में बैक्टीरिया और कीटाणु हो सकते हैं। रस परोसने के लिए साफ गिलास या डिस्पोजेबल गिलास का उपयोग होना चाहिए। गंदे गिलासों से इन्फेक्शन का खतरा रहता है। इससे पेट में इन्फेक्शन, डायरिया या फूड पॉइजनिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार दुकानदार गंदे पानी से बनी बर्फ का इस्तेमाल करते हैं, जिससे पेट के संक्रमण फैल सकते हैं। घर की बनी या साफ पानी से बनी बर्फ का ही इस्तेमाल करें। गन्ने ताजे और साफ होने चाहिए। सड़े या पुराने गन्नों से निकाला गया रस स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। कुछ दुकानों पर गन्ने का रस बहुत अधिक ठंडा सर्व किया जाता है, जिससे गले में खराश या सर्दी-जुकाम की समस्या हो सकती है। कुछ लोगों को गन्ने के रस से एलर्जी हो सकती है, खासकर अगर इसमें नींबू, अदरक या अन्य चीजें मिलाई गई हों।
गन्ने का रस कैसे पिएं
गन्ने का रस पीने का सही तरीका अपनाकर आप इसके स्वाद का आनंद लेने के साथ इसका लाभ भी ले सकते हैं। सबसे पहले इसे सीमित मात्रा में पिएं। एक दिन में 200-250 मिलीलीटर गन्ने का रस पर्याप्त है। हमेशा ताजा निकाला हुआ रस ही पिएं। बासी या पहले से निकाला हुआ रस बैक्टीरिया का घर हो सकता है। खाली पेट गन्ने का रस पीने से ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। इसे हल्का नाश्ता करने के बाद पिएं। इसमें नींबू और अदरक मिलाने से स्वाद बढ़ता है और यह पाचन के लिए भी बेहतर होता है। लेकिन ज्यादा नींबू से एसिडिटी हो सकती है, इसलिए संतुलित मात्रा में मिलाएं। अगर आपको डायबिटीज है तो गन्ने का रस पीने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें और ब्लड शुगर की जांच करें।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। डॉक्टर का परामर्श अपेक्षित।)