सिर्फ 1 लीटर पानी में मिलाएं ये घरेलू वेस्ट, और देखें कैसे गुड़हल, गुलाब और अपराजिता में एक साथ खिलेंगे फूल

गर्मियों में पौधों की देखभाल करना आसान नहीं होता, लेकिन अगर आप सिर्फ 1 लीटर पानी में घर का ये वेस्ट मिलाकर पौधों को दें, तो फूलों के गुच्छे एक साथ निकलेंगे। खासकर गुलाब, गुड़हल और अपराजिता जैसे फूलों के पौधों में इसका असर ज़बरदस्त दिखाई देता है।

गर्मियों की तेज धूप और बढ़ती गर्मी में पौधों (Summer Gardening Tips) का मुरझाना आम बात है। पत्तियां सूखने लगती हैं, मिट्टी की नमी तेजी से खत्म हो जाती है और फूलों की संख्या भी कम होने लगती है। कई लोग समझते हैं कि ज्यादा पानी देने से पौधे फिर से हरे-भरे हो जाएंगे, लेकिन असल में इस मौसम में पौधों को जरूरत होती है सही पोषण की, जो उनकी जड़ों तक पहुंचे और उन्हें भीतर से ताकत दे।

अच्छी बात ये है कि इसके लिए आपको बाहर से महंगे फर्टिलाइज़र लाने की जरूरत नहीं। आपके किचन में ही ऐसे कई वेस्ट मटेरियल मौजूद होते हैं, जिन्हें अगर सही तरीके से मिलाकर घोल तैयार किया जाए, तो वही खाद का काम करता है। ये उपाय ना सिर्फ सस्ते हैं बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं और पौधों को बिना किसी नुकसान के भरपूर फूल और हरियाली देते हैं।

गर्मियों में गुलाब और गुड़हल को कैसे मिलाएं खास खाद

गुलाब और गुड़हल के पौधे गर्मियों में जल्दी सूखने लगते हैं। इन दोनों फूलों को ज्यादा पोषण की ज़रूरत होती है ताकि ये लगातार खिलते रहें। इसके लिए आप सिर्फ 1 लीटर पानी में 2 चम्मच छाछ और 1 चम्मच पुरानी चायपत्ती मिला सकते हैं। इस मिश्रण को सप्ताह में एक बार पौधों की जड़ों में डालें।

छाछ में मौजूद लैक्टिक एसिड मिट्टी को नरम करता है और जड़ें बेहतर पोषण ले पाती हैं। वहीं, चायपत्ती में मौजूद नाइट्रोजन पौधों की ग्रोथ को तेज करता है। ध्यान रखें कि चायपत्ती धुली हुई हो, यानी उसमें दूध और चीनी ना हो। इस देसी खाद से आपके गुलाब और गुड़हल के पौधे न सिर्फ हरे-भरे होंगे, बल्कि फूलों की संख्या भी बढ़ेगी।

अपराजिता के लिए बनाएं गीला खाद घोल

अपराजिता का पौधा दिखने में सुंदर होता है लेकिन गर्मी में इसका फूल आना रुक जाता है। ऐसे में आप केले के छिलके और मूंगफली की भूसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। 1 केले का छिलका, 1 मुट्ठी मूंगफली की भूसी और 1 लीटर पानी मिलाकर रातभर भिगो दें। सुबह इसे छानकर पौधे की जड़ों में डालें।

केले के छिलके में पोटाश, फॉस्फोरस और कैल्शियम भरपूर होता है, जो फूल आने की प्रक्रिया को तेज करता है। मूंगफली की भूसी मिट्टी में नमी बनाए रखती है और पौधे को अंदर से मज़बूती देती है। यह नुस्खा न केवल अपराजिता बल्कि हर किस्म के फूलों के पौधों के लिए लाभकारी है। हर 10 दिन में एक बार यह मिश्रण डालना काफी है।

किचन वेस्ट से बनाएं असरदार जैविक खाद

घर में रोज़ निकलने वाले किचन वेस्ट को सही तरीके से इस्तेमाल कर आप हर मौसम में अपने बगीचे को हरा-भरा रख सकते हैं। आलू और केले के छिलके, बची हुई दाल या चावल का पानी, और सब्जियों के पत्ते, ये सब पौधों के लिए बेहतरीन खाद का काम करते हैं।

आप चाहें तो इन्हें एक डिब्बे में इकट्ठा करके उसमें थोड़ा सा मिट्टी और पानी मिलाएं। 5-6 दिन में ये खाद बनने लगेगा। इस घोल को आप 1 लीटर पानी में छानकर मिलाएं और सप्ताह में एक बार पौधों में डालें। इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ेगी और फूलों की संख्या में फर्क साफ दिखेगा।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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