गर्मियों में मोगरा-गुलाब-गुड़हल के पौधे में डालें ये चीज, फूलों से लद जाएगा पूरा गमला

अगर गर्मियों में आपके मोगरे, गुलाब या गुड़हल के पौधे सूखने लगे हैं, पत्तियां मुरझा रही हैं और फूल नहीं आ रहे, तो सिर्फ 20 रुपये की एक चीज़ से आप चमत्कार कर सकते हैं। घर में मिलने वाला ग्लूकोज़ का पानी इन पौधों को नई जान दे सकता है। जानिए कैसे करें इसका सही इस्तेमाल।

गर्मियों की तेज धूप से इंसानों को ही नहीं बल्कि पौधों के लिए भी ख़तरनाक होती है। जैसे हमें इस मौसम में पानी और एनर्जी ड्रिंक की ज़रूरत होती है ठीक उसी तरह पौधों को भी एनर्जी की ज़रूरत होती है। गुलाब-मोगरा-गुड़हल (Plant Care) जैसे पौधे गर्मियों में पोषक तत्वों की कमी से जल्द ही मुरझाने लगते हैं और सूख जाते हैं।

ऐसे में कई लोग हैरान परेशान रहते हैं कि आख़िर गर्मियों के मौसम में वे पौधों की देखभाल करें तो कैसे करें? अगर आप भी समस्या को लेकर परेशान रात है तो अब, आपको परेशान रहने की आवश्यकता नहीं। आज हम आपको एक ऐसी चीज़ के बारे में बताने जा रही है जिससे गर्मियों के मौसम में अक्सर हर कोई इस्तेमाल करता है। दरअसल हम बात कर रही है ग्लूकोज़ की।

पौधों को खिलाने वाला अमृत है ग्लूकोज़ का पानी

ग्लूकोज़, जो आमतौर पर थकान या कमजोरी में इंसानों को दिया जाता है, पौधों के लिए भी बेहद फायदेमंद है। गर्मी में जब मिट्टी से पौधों को पोषण मिलना कम हो जाता है, तो ग्लूकोज़ का पानी पौधों की जड़ों तक एनर्जी पहुंचाता है और उनकी ग्रोथ को तेज़ करता है।

कैसे करें इस्तेमाल

एक लीटर पानी में 1 चम्मच ग्लूकोज़ घोल लें। इसे सीधे पौधों की जड़ों में हफ्ते में एक बार डालें। इससे पौधों की जड़ें मज़बूत होती हैं, नई कलियां आने लगती हैं और फूलों की संख्या बढ़ जाती है।

गर्मी में क्यों रुक जाती है फूलों की ग्रोथ?

गर्मियों में 40 डिग्री से ज्यादा तापमान होने की वजह से मिट्टी सूख जाती है और उसमें मौजूद पोषक तत्व पौधों की जड़ों तक नहीं पहुंच पाते। इससे पौधों की ग्रोथ धीमी हो जाती है और फूल आने बंद हो जाते हैं। कई बार ओवर वॉटरिंग करने से भी जड़ों में फंगस लग जाता है।

ग्लूकोज़ का पानी पौधों को सीधे ग्लूकोज एनर्जी देता है, जिससे उनका न्यूट्रिएंट अब्जॉर्प्शन बेहतर होता है। इससे न सिर्फ पौधा जीवित रहता है बल्कि उसमें नए फूल और कलियां भी तेजी से आने लगती हैं। यह खासतौर पर गुलाब, मोगरा, गुड़हल जैसे फूलदार पौधों के लिए बहुत कारगर होता है।

इन घरेलू तरीकों से मिल सकता है और भी बेहतर असर

  • पकी हुई छाछ: इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड मिट्टी में उपयोगी बैक्टीरिया बढ़ाता है।
  • केले के छिलकों का पाउडर: इसे सूखाकर मिट्टी में मिलाने से पोटैशियम बढ़ता है और फूलों की संख्या में इज़ाफा होता है।
  • चाय की पत्तियां (उबली हुई): इनमें नाइट्रोजन होता है जो पौधों की हरी पत्तियों को चमकदार बनाता है।
  • गुड़ वाला पानी: मिट्टी के माइक्रो-ऑर्गेनिज्म को एक्टिव करता है, जिससे पौधे तेजी से बढ़ते हैं।

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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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