क्या पसीना निकलने से वजन कम होता है, जानिए गर्मी के मौसम से जुड़े मिथक vs सच

गर्मी का मौसम आते ही हमें कई पुरानी मान्यताओं और मिथकों की याद आ जाती है जो हम अपने बड़ों से सुनते आए हैं। ये बातें हमारी पारंपरिक सोच, अनुभवों पर आधारित होती हैं..लेकिन सवाल ये है कि क्या ये सच में हमारी सेहत पर कुछ असर डालती हैं। क्या आपको भी घर से निकलते समय कुछ नसीहतें सुनने को मिलती हैं और आपके मन में उनकी विश्वसनीयता को लेकर सवाल उपजते हैं। अगर ऐसा है तो आज हम ऐसी ही कुछ मान्यताओं पर बात करेंगे।

Summer Myths and Beliefs : क्या आपने भी सुना है कि गर्मी में बाहर निकल रहे हैं तो जेब में प्याज रख लो, या फिर इस मौसम में प्याज या लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसी कई मान्यताएं और मिथक हैं जिन्हें लोग आमतौर पर मान लेते हैं। ये मान्यताएं अक्सर पुरानी परंपराओं, अनुभवों और विश्वास पर आधारित होती हैं..लेकिन इनका वैज्ञानिक आधार नहीं होता।

ऐसा भी नहीं है कि ये सारी मान्यताएं गलत हो और ये भी नहीं है कि इन सबमें सच्चाई हो। कई बार कुछ बातें वास्तव में कारगर होती हैं। लेकिन कुछ बातें निराधार होती हैं और हम सिर्फ इसलिए उनका पालन करते जाते हैं क्योंकि हमने यही देखा सुना है। लेकिन जरूरी है कि हम ऐसी बातों की वैज्ञानिक नज़रिए से भी पड़ताल करें।

गर्मी के मौसम से जुड़ी मान्यताएं

कई लोग मानते हैं कि गर्मी में बाहर जाने से पहले सिर पर तेल लगाना चाहिए जिससे शरीर ठंडा रहे और सिर में गर्मी न चढ़े। वहीं यह मान्यता भी है कि धूप में बाहर जाते वक्त चेहरे पर नींबू का रस लगाना चाहिए, ताकि सूर्य की किरणों से बचाव हो सके और त्वचा की जलन कम हो। ऐसी कई बातें है जो प्रचलित हैं। लेकिन इनके पीछे कितनी सच्चाई है। ये मिथक है या सच..ये जानना भी जरूरी है। आइए आज हम ऐसी ही कुछ बातों के बारे में पड़ताल करेंगे।

मिथक बनाम सच

1. मिथक: ज्यादा पानी पीने से हीटस्ट्रोक नहीं होता।
सच्चाई: पानी पीना शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है, लेकिन सिर्फ पानी पीना ही हीटस्ट्रोक से बचने की गारंटी नहीं है। हीटस्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान 104°F (40°C) से ऊपर चला जाता है और शरीर का तापमान नियंत्रित करने वाला सिस्टम फेल हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार पानी पीने के साथ बल्कि धूप से बचना, हल्के कपड़े पहनना और शरीर का तापमान नियंत्रित रखना भी जरूरी है।

2. मिथक: गर्मियों में ज्यादा पसीना आने से वजन कम होता है।
सच्चाई: पसीना निकलने से शरीर का पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स कम होते हैं, जिससे वजन में अस्थायी कमी दिख सकती है। लेकिन ये फैट बर्न नहीं है। वजन घटाने के लिए संतुलित आहार और व्यायाम जरूरी है।

3. मिथक: गर्मियों में रोज ठंडी चीजें खाना अच्छा है।
सच्चाई: बहुत अधिक ठंडी चीजें खाने से शरीर का तापमान तेजी से गिर सकता है जिससे पेट दर्द, पाचन समस्याएं या गले में संक्रमण हो सकता है। इसलिए ठंडी चीजों का सेवन सीमित और संतुलित मात्रा में करना चाहिए। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि रूम टेंपरेचर पर फल, हल्की छाछ, नींबू पानी आदि लेना बेहतर रहता है।

4. मिथक: गहरे रंग के कपड़े गर्मी को बढ़ाते हैं, इसलिए सिर्फ हल्के रंग पहनें।
सच्चाई: यह आंशिक रूप से सही है कि गहरे रंग जैसे काला या गहरा नीला धूप में ज्यादा गर्मी सोखते हैं। लेकिन कपड़े का ढीलापन और सामग्री (जैसे कॉटन या लिनन) भी अहम भूमिका निभाते हैं। ढीले और हल्के सूती कपड़े सबसे ज्यादा फायदेमंद होते हैं, चाहे रंग कोई भी हो।

5. मिथक: एयर कंडीशनर के नीचे सोना सर्दी या जुकाम पैदा करता है
सच्चाई: एसी का ठंडा तापमान खुद जुकाम पैदा नहीं करता। सर्दी-जुकाम वायरस के कारण होता है। हालांकि, लंबे समय तक बहुत ठंडे वातावरण में रहने से प्रतिरक्षा प्रणाली थोड़ी कमजोर हो सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

6. मिथक: गर्मी में बाहर निकलने से त्वचा पर हमेशा टैनिंग हो जाती है
सच्चाई: धूप में निकलने पर टैनिंग का खतरा रहता है, लेकिन हर व्यक्ति की त्वचा अलग प्रतिक्रिया देती है। कुछ लोगों में सनबर्न होता है तो कुछ में हल्की टैनिंग। सनस्क्रीन का सही तरीके से उपयोग करके इस प्रभाव को काफी हद तक रोका जा सकता है।

7. मिथक: गर्मी में सनस्क्रीन की जरूरत सिर्फ बाहर निकलने पर होती है।
सच्चाई: सिर्फ बाहर निकलने पर ही नहीं, यूवी किरणें घर पर खिड़कियों के माध्यम से भी आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। घर के अंदर रहने पर भी सनस्क्रीन लगाना त्वचा की सुरक्षा के लिए बेहतर है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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