Summer Vacation Special : गर्मी की छुट्टियां यानी बच्चों के लिए मौज मस्ती धूम धड़ाका। लेकिन पैरेंट्स के लिए रोज़ नए टास्क। चिलचिलाती धूप में जब बच्चे कहते हैं “मम्मी-पापा..हम बोर हो रहे हैं” तब क्या किया जाए। कैसे बच्चों को बिजी भी रखें और उन्हें मोबाइल और टीवी की दुनिया में खोने से भी बचाएं। अगर आपके पास भी ऐसे ही सवाल हैं तो आज हम इसी बारे में कुछ बात करेंगे।
दरअसल ये माता-पिता के लिए सुनहरा मौका है अपने बच्चों के साथ मस्ती करने, उनके हुनर को निखारने, उनकी क्रिएटिविटी को बढ़ावा देने और उनके साथ यादगार पल बिताने का। कुछ सालों बाद जब बच्चे कॉलेज या जॉब के लिए बाहर चले जाएंगे तो आपके और उनके पास यही यादें होंगी। तो क्यों न इस खाली समय का कुछ सदुपयोग भी किया जाए और बच्चों के साथ अपना इमोशनल बॉन्ड भी मज़बूत किया जाए।

गर्मी की छुट्टियों में कीजिए कुछ मजेदार और क्रिएटिव
गर्मी की छुट्टियां सिर्फ आराम करने या टाइम पास के लिए नहीं होती। ये समय बच्चों की क्रिएटिविटी को उड़ान देने और उनके साथ क्वालिटी टाइम बिताने का है। आइए कुछ मज़ेदार और रोचक तरीके जानते हैं जिनसे आप अपने बच्चों को बिज़ी रख सकते हैं और उनकी प्रतिभा को निखार भी सकते हैं।
1. हॉबी हंट: खोजिए उनका छुपा हुनर
हर बच्चा खास होता है। बच्चों में कोई न कोई विशेष प्रतिभा होती ही है। कोई अच्छा गाता है, कोई रंगों से खेलता है तो किसी को कोई कहानियां बुनता है। गर्मी की छुट्टियां एक सुनहरा मौका हैं उन्हें इन गतिविधियों में लगाकर उनकी रुचियों को पहचानने और निखारने का।
2. फैमिली क्राफ्ट डे: साथ बनाएं कुछ नया
घर पर एक दिन तय करें क्राफ्ट और DIY प्रोजेक्ट्स के लिए। वेस्ट मटेरियल से क्रिएटिव चीज़ें बनाइए। प्लास्टिक बोतल से प्लांटर, पुराने कपड़ों से बैग या घर की सजावट का सामान। इससे न सिर्फ बच्चे व्यस्त रहेंगे बल्कि उन्हें पर्यावरण जागरूकता का सबक भी मिलेगा।
3. मिनी मास्टरशेफ: रसोई में भी है रोमांच
छोटे-छोटे रेसिपी आइडियाज लेकर बच्चों को किचन में शामिल कीजिए। बिना गैस के बनने वाले व्यंजन जैसे सैंडविच, फ्रूट चाट या नो-बेक कुकीज़ उनकी किचन के प्रति रुचि जगाएंगे। ये एक मज़ेदार फैमिली ऐक्टिविटी भी बन सकती है।
4. पढ़ो और बढ़ो: कहानियों की दुनिया में चलें
बच्चों को किताबों से जोड़ना है तो उन्हें कहानियों की रोचक किताबें दीजिए। पंचतंत्र, अकबर-बीरबल, बायरन शॉ या एनिड ब्लायटन..उनकी उम्र के अनुसार चयन करें। रोज़ एक कहानी पढ़ना और उसपर चर्चा करना उनका सोचने का दायरा बढ़ाएगा।
5. डिजिटल डिटॉक्स: टेक्नोलॉजी से थोड़ी दूरी
एक तय समय के लिए टीवी और मोबाइल से दूरी बनाकर बच्चों के साथ बागवानी, बोर्ड गेम्स, वॉक, योग या ध्यान जैसी गतिविधियों में समय बिताइए। यह न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है बल्कि संबंधों को भी मज़बूत करता है।
6. करिअर खेल-खेल में: स्किल्स सीखें
बच्चों को उम्र के अनुसार कुछ स्किल्स सिखाने का भी ये सही समय है। कम्प्यूटर कोडिंग, बेसिक पब्लिक स्पीकिंग, स्टोरीटेलिंग या फोटोग्राफी जैसी चीज़ें उन्हें भविष्य के लिए तैयार करेंगी।