Sat, Dec 27, 2025

भारत का ‘सिटी ऑफ ब्रिजेस’, जानिए इस शहर के पुलों से जुड़ी रोचक बातें और घूमने की जगहें

Written by:Ronak Namdev
Published:
गुजरात का सूरत शहर 'सिटी ऑफ ब्रिजेस' के नाम से मशहूर है, जहां 120 से अधिक पुल मौजूद हैं। ताप्ती नदी के किनारे बसे इस शहर में पुराने और आधुनिक पुलों की भरमार है जो व्यापार, इतिहास और पर्यटन को खास बनाते हैं। जानिए क्यों यह शहर भारत में अनोखा है।
भारत का ‘सिटी ऑफ ब्रिजेस’, जानिए इस शहर के पुलों से जुड़ी रोचक बातें और घूमने की जगहें

सूरत, गुजरात को ‘सिटी ऑफ ब्रिजेस’ के नाम से जाना जाता है। यह शहर अपनी व्यापक नदी प्रणाली और 120 से अधिक पुलों के नेटवर्क के लिए प्रसिद्ध है, जो इसे देश का अनोखा शहर बनाते हैं। इन पुलों ने सूरत को न केवल कनेक्टिविटी दी है, बल्कि इसके आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में भी अहम भूमिका निभाई है। ताप्ती नदी और अन्य जलमार्गों पर बने ये पुल शहर की सुंदरता और कार्यक्षमता को दर्शाते हैं। सूरत का यह विशेष दर्जा इसे पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षक बनाता है।

ये पुल शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ते हैं और रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाते हैं। सूरत की अर्थव्यवस्था, जो डायमंड, टेक्सटाइल और ट्रेड पर आधारित है, इन पुलों के बिना अधूरी रही होती। इंटरनेट स्रोतों के अनुसार, सूरत के पुलों की संख्या और उनकी विविधता इसे भारत में अनूठा बनाती है, और यह शहर अपनी इस पहचान को गर्व से निभाता है। आइए, सूरत की इस खासियत और आकर्षणों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

पुलों का शहर

सूरत, गुजरात में ताप्ती नदी के किनारे बसा, भारत का एक प्रमुख बंदरगाह शहर है। इसकी 120 से अधिक पुलों की संख्या इसे ‘सिटी ऑफ ब्रिजेस’ बनाती है, जो किसी अन्य भारतीय शहर से ज्यादा है। इनमें से कुछ प्रमुख पुल जैसे वराछा ब्रिज, कटारगाम ब्रिज और नूतन ब्रिज शहर की कनेक्टिविटी को मजबूत करते हैं। इंटरनेट सूत्रों के अनुसार, इन पुलों का निर्माण समय-समय पर जनसंख्या और ट्रेड की जरूरतों को ध्यान में रखकर हुआ, और कई पुलों में ऐतिहासिक महत्व भी है। सूरत का मौसम और नदी का प्राकृतिक सौंदर्य इन पुलों को और खूबसूरत बनाता है।

इतिहास और विकास

जब ब्रिटिश और अन्य शासकों ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए इनका निर्माण शुरू किया। समय के साथ, इन पुलों को आधुनिक जरूरतों के अनुसार विकसित किया गया। इंटरनेट जानकारी के मुताबिक, सूरत के पहले पुलों में से एक 19वीं सदी में बना, जो शहर की प्रगति का प्रतीक था। आज ये पुल न केवल यातायात के लिए हैं, बल्कि पर्यटन और स्थानीय संस्कृति का हिस्सा भी बने हैं। सूरत का विकास इन पुलों के बिना अधूरा रहा होता, जो इसे आर्थिक केंद्र बनाते हैं।

प्रमुख आकर्षण

सूरत में पुलों के अलावा कई पर्यटन स्थल हैं जो आकर्षण बढ़ाते हैं। ताप्ती नदी के किनारे सैर, डायमंड मार्केट का भ्रमण, और ऐतिहासिक जगहें जैसे सूरत किला पर्यटकों को लुभाती हैं। इंटरनेट स्रोतों के अनुसार, बारिश के मौसम में पुलों से नदी का नजारा देखना एक यादगार अनुभव होता है। स्थानीय व्यंजन जैसे लोचा और उंधियो की चटनी भी सूरत की यात्रा को खास बनाते हैं। ये आकर्षण सूरत को ‘सिटी ऑफ ब्रिजेस’ से कहीं ज्यादा बनाते हैं।