भारत में मुगलों का शासन लंबे अरसे तक रहा है। इनकी कहानी बचपन से ही हम इतिहास के पन्नों पर पढ़ते आ रहे हैं। देश के विकास में इनका महत्वपूर्ण योगदान भी रहा है। बाबर की हुकूमत से औरंगज़ेब तक का शासन काल काफी रोचक और मजेदार रहा है। अपने शासनकाल के दौरान मुगलों ने किलो का निर्माण कराया, भव्य मकबरे बनवाए, ताजमहल जैसी अनोखी धरोहर बनवाई, जो आज भारत की पहचान है। इसे देखने के लिए विश्व भर के लोग पहुंचते हैं। इनका नाम सुनते ही लोगों को ऐसा लगता है कि यह काफी क्रूर किस्म के शासक रहे होंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। कुछ बादशाह बहुत ही करुणा में दिल के थे, जो अपनी जनता के बीच रहकर उनका खास ख्याल रखते थे। बादशाह जहां रहते थे, वहां बहुत सारे कमरों का निर्माण करवाया जाता था। हर किसी के लिए अलग-अलग कमरे बनाए जाते थे। रसोई घर से लेकर बाग-बगीचे तक की अपनी अलग-अलग महत्वपूर्ण भूमिका होती थी।
इससे पहले कई सारे आर्टिकल्स में हम आपको मुगलों के किस्से सुना चुके हैं। आज हम आपको भारतीय इतिहास का सबसे बुद्धिमान मूर्ख बादशाह के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि गजब का सनकी था। इसका नाम सुनकर आप सभी हैरान रह जाएंगे।

मोहम्मद बिन तुगलक
दरअसल, इस शासन का नाम मोहम्मद बिन तुगलक था, जिसने 1325 से 1351 ई तक भारत के अधिकांश हिस्सों पर शासन किया था। इसे सबसे बुद्धिमान मूर्ख बादशाह माना गया। यह दिल्ली का 18वां सुल्तान था, जो इसकी पहचान बनी। इतिहास के पन्ने को पलट कर यदि देखा जाए, तो मोहम्मद बिन तुगलक दूरदर्शी शासक होने के साथ ही काफी विद्वान भी था। लेकिन उसकी सनकी नीतियों के कारण उसके राज्य और जीवन में कई सारी आपदाएं आईं। लोगों ने उनका जमकर विरोध किया, जिससे उन्हें काफी ज्यादा नुकसान भी हुआ। उसी के समय से तुगलक की फरमान की शुरुआत हुई।
दो सनकी शौक
इतिहासकारों के अनुसार, इस शासन ने योजनाएं तो बहुत सारी बनाई, लेकिन सारी असफल रही। जिसकी योजनाओं से चिढ़कर जनता ने उसे मूर्ख की उपाधि दे दी। आपको उसके शौक के बारे में जानकर हैरानी होगी। उसका पहला शौक था खुश होकर लोगों के बीच उपहार बांटना, तो वहीं उसका दूसरा सबसे बड़ा सनकी शौक था कि गुस्से में आकर वह खून बहाता था।
सबसे पढ़ा-लिखा शासक
शिक्षा की बात करें तो दिल्ली के सभी सुल्तानों में मोहम्मद बिन तुगलक सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा था। उसे अरबी, फारसी, गणित, ज्योतिष, चिकित्सा जैसे विषयों का ज्ञान था। उसी ने टोकन मुद्रा और तांबे के सिक्के चलवाएं। हालांकि, यह असफल रही क्योंकि टोकन मुद्रा को नकली बनाना बहुत ही आसान था। नकली और बेकार सिक्कों के कारण मोहम्मद बिन तुगलक का खजाना खाली होता गया। इतिहासकारों की मानें तो इस शासक ने करीब 370 हजार सैनिकों को एडवांस में सैलरी दे दी। जिनमें से कई सैनिक युद्ध लड़ने के काबिल ही नहीं थे। ऐसे में उन्हें बड़ा नुकसान हुआ। धीरे-धीरे उन्हें तांबे के सिक्कों को सोने और चांदी के सिक्कों से बदलना पड़ा, इसलिए उन्हें इतिहास का सबसे बुद्धिमान मूर्ख शासक का उपनाम दिया गया।