गहरी सांसों का जादू : ब्रीथवर्क से लाइए जीवन में सकारात्मक बदलाव, जानिए Deep Breathing के फायदे

Deep breathing या गहरी सांस लेने से सिर्फ शारीरिक लाभ ही नहीं होता बल्कि यह मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक सुधार का भी एक शक्तिशाली माध्यम है। इससे तनाव कम होता है और हमारे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन भी मिलती है। कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए ब्रीथवर्क एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। आजकल ब्रीथवर्क और ध्यान के लाभों पर कई शोध किए जा रहे हैं और इसके प्रभावी परिणाम भी सामने आ रहे हैं। आप भी किसी विशेषज्ञ की सलाह के साथ इसका अभ्यास कर सकते हैं।

Magic of Deep Breathing

The Magic of Deep Breathing : हमने अक्सर सुना है कि हमें गहरी और लंबी सांसें लेनी चाहिए। गहरी सांसें (Deep Breathing) लेना शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद होता है। इसके कई वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभ हैं, जो जीवनशैली में सुधार लाते हैं और मानसिक शांति प्रदान करते हैं। गहरी सांस लेने से मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन प्राप्त होती है शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है जिससे तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) का स्तर कम होता है। यह शरीर को शांत करता है और तनाव या चिंता को दूर करने में मदद करता है।

गहरी सांसें लेने और ब्रीथवर्क की प्राचीन तकनीकों का असर सिर्फ शारीरिक सेहत पर ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक सेहत पर भी गहरा प्रभाव डालता है। ब्रीथवर्क या श्वास अभ्यास शरीर की प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया को एक सशक्त चिकित्सा उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने का एक तरीका है। यह न सिर्फ तनाव कम करने, चिंता से राहत देने और मानसिक शांति प्राप्त करने में सहायक है, बल्कि शरीर के अंदरूनी तंत्रों को भी पुनर्जीवित करता है।

क्या है Breath work

ब्रीथवर्क का अर्थ है सांसों को नियंत्रित करने और उसका उपयोग शरीर और मन को सशक्त बनाने के लिए करना। यह तकनीक सांस लेने के पैटर्न को बदलकर शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाती है और ऊर्जा को संतुलित करती है। प्राचीन भारतीय योग, चीनी चिकित्सा और श्वास नियंत्रण की अन्य पद्धतियों में ब्रीथवर्क की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह प्राचीन पद्धतियां आज के समय में भी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक प्रभावी मानी जाती हैं।

ब्रीथवर्क के फायदे

  • तनाव और चिंता कम करना : गहरी सांसें लेने से शरीर में तनाव कम होता है। जब हम गहरी और नियंत्रित श्वास लेते हैं, तो शरीर का हार्मोनल संतुलन बेहतर होता है, विशेष रूप से कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर घटता है। इस प्रक्रिया से शरीर को शांति मिलती है और मानसिक स्थिति स्थिर होती है। एक अध्ययन में पाया गया कि नियमित ब्रीथवर्क से चिंता और तनाव में 60% तक कमी आ सकती है।
  • मनोवैज्ञानिक लाभ : गहरी सांसों के साथ मानसिक स्थिति में सुधार होता है। जब आप सांस पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो आप अपने विचारों को शांत करने और वर्तमान में रहने में सक्षम होते हैं, जिससे मानसिक स्पष्टता बढ़ती है। ध्यान और ब्रीथवर्क का संयोजन मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन में मदद करता है। कई प्रकार की सांस लेने की तकनीकों जैसे प्राणायाम और ह्रदय-फोकस्ड ब्रीथवर्क व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत बना सकते हैं।
  • शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार : ब्रीथवर्क श्वसन प्रणाली को मजबूत करता है। गहरी सांसों से फेफड़ों का विस्तार होता है, जिससे शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिलता है। यह रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और अंगों को अधिक पोषण मिलता है। इसके अलावा, ब्रीथवर्क हृदय गति को नियंत्रित करने में भी मदद करता है, जिससे रक्तचाप सामान्य रहता है। एक अध्ययन में यह पाया गया कि ब्रीथवर्क से रक्तचाप में गिरावट आ सकती है, ख़ासकर हाई बीपी के लोगों के लिए ये काफी फायदेमंद है।
  • ऊर्जा का संचार : जब आप गहरी सांसें लेते हैं, तो शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे ऊर्जा के स्तर में वृद्धि होती है। यह न सिर्फ शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाता है, बल्कि मानसिक ऊर्जा भी बनाए रखता है। मानसिक थकान और शारीरिक कमजोरी को दूर करने में ब्रीथवर्क मददगार साबित हो सकता है।
  • आध्यात्मिक लाभ : ब्रीथवर्क एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है आत्म-साक्षात्कार के लिए। सांस पर ध्यान केंद्रित करने से आप अपनी आंतरिक स्थिति को समझ सकते हैं और अपने विचारों को नियंत्रित कर सकते हैं। यह एक गहरी आत्म-चिंतन की प्रक्रिया होती है, जो जीवन की दिशा और उद्देश्य को स्पष्ट करने में सहायक हो सकती है। कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है कि ब्रीथवर्क ध्यान के साथ जोड़ा जाए, तो यह दिमागी स्पष्टता और आत्मज्ञान को भी बढ़ा सकता है।

ब्रीथवर्क का अभ्यास

ब्रीथवर्क में कई तकनीकें शामिल हैं जैसे कि बॉक्स ब्रीदिंग, दीप ब्रीथिंग, नाड़ी शोधन (प्राणायाम) और भस्त्रिका। इन तकनीकों को दिनचर्या में शामिल करने से जल्दी ही मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार देखा जा सकता है। बॉक्स ब्रीदिंग (चार-चरणीय सांस तकनीक) और दीप ब्रीथिंग (गहरी और धीमी सांस लेना) जैसे अभ्यास सरल हैं और इन्हें कहीं भी, किसी भी समय किया जा सकता है। इनका उद्देश्य सिर्फ शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाना नहीं, बल्कि मानसिक स्थिति को भी स्थिर करना है। अगर आप भी इसकी प्रैक्टिस करना चाहते हैं तो किसी विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहतर होगा।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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