इतिहास का इकलौता मुगल बादशाह, जिसकी जान ले गई किताबों की सीढ़ियां!

आज हम आपको भारत के इतिहास में उस इकलौता मुगल बादशाह के बारे में बताएंगे, जिसकी मौत सीढ़ियों की वजह से हुई थी। यह सुनकर आपको अटपटा जरूर लगेगा, लेकिन यह सच है।

भारत में मुगल के शासन का इतिहास काफी रोचक रहा है। इनके बारे में इतिहास के पन्नों पर शुरू से ही पढ़ाया जाता है। देश के विकास में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अपने शासनकाल के दौरान मुगलों ने किले, इमारत, सड़क, आदि का निर्माण करवाया, जो आज भी भारत की ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। जिससे देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है अपने जमाने में बादशाह होने के साथ-साथ जनता के प्रति वह अपनी जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाया करते थे इसके अलावा युद्ध में भी सभी को परास्त किया करते थे।

अमूमन मुगल बादशाह युद्ध के दौरान परिवार, सैनिक, जनता और अपनी रक्षा के लिए सुरंग बनवाते थे, ताकि जरूरत पड़ने पर वह इसका इस्तेमाल कर सके। आज भी इन सुरंगों को देखा जा सकता है। हालांकि, इनका उपयोग नहीं किया जाता।

हुमायूं

लेकिन आज हम आपको भारत के इतिहास में उस इकलौता मुगल बादशाह के बारे में बताएंगे, जिसकी मौत सीढ़ियों की वजह से हुई थी। यह सुनकर आपको अटपटा जरूर लगेगा, लेकिन यह सच है। इस बादशाह की मौत ऐसे हुई जिसके बारे में किसी ने कभी सोचा भी नहीं था। दरअसल, इस इकलौते मुगल बादशाह का नाम हुमायूं था, जो मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर के बेटे थे। यह मुगल साम्राज्य का दूसरा बादशाह था, जिसे इतिहास का सबसे डरपोक बादशाह भी माना जाता है। जिसके किस्से आज भी प्रचलित है, जो अपने सैनिकों को युद्ध के मैदान में छोड़कर भाग गया था।

सीढ़ियों से गिरकर हुई मौत

अपने जीवन काल में लगातार हार का मुंह देखने वाले शासक की मृत्यु ने सभी को असमंजस में डाल दिया था। इतिहासकारों की मानें तो हिमायू की मृत्यु 27 जनवरी 1556 को दिल्ली में स्थित उनकी पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरकर हुई थी। उनकी इस मौत से सभी आश्चर्य चकित थे, क्योंकि यह बिल्कुल नाटकिए चित्रण की तरह था। हालांकि, सीढ़ियों से गिरने के कारण उन्हें काफी ज्यादा चोट लगी थी। जिस कारण उन्होंने दम तोड़ दिया था। वहीं, उनकी बेगम बेगम ने अपने सोहर की याद में हुमायूं का मकबरा बनवाया था, जो कि दिल्ली में स्थित है। यह मुगल वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है, जिसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिल चुका है।

अकबर ने संभाली गद्दी

हुमायूं की मृत्यु के बाद बादशाह अकबर ने मुगल साम्राज्य की गद्दी संभाली, जो आगे चलकर सबसे महान मुगल सम्राटों में से एक बने। जिन्होंने अपनी सूझबूझ से राजपाठ को चलाया। केवल इतना ही नहीं, वह लोगों के बीच ईमानदारी से फैसला करने वाले बादशाह के रूप में भी प्रसिद्ध थे।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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