Food Cravings: फ़ूड क्रेविंग एक ऐसी स्थिति है जिसमें भोजन करने के बाद भी कुछ खाने की इच्छा लगती है। यह एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। आपने भी कभी ना कभी ऐसा महसूस जरूर किया होगा, कि खाना खाने के दौरान आपका पेट तो भर जाता है पर मन नहीं भरता है। जिस वजह से कई बार आप पेट भर जाने के बाद भी खाना खा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर फूड क्रेविंग को समय रहते कंट्रोल नहीं किया, तो उसके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसके दुष्प्रभावों में वजन बढ़ाना शामिल है। कई लोग फूड क्रेविंग को भूख समझते हैं। लेकिन भूख और फूड क्रेविंग दोनों ही काफी अलग होती है। भूख लगने का मतलब यह होता है कि जब आपके शरीर को भोजन की जरूरत होती है तब आपको भूख लगने जैसा महसूस होता है, लेकिन फूड क्रेविंग का मतलब ये होता है कि खाना खाने के बावजूद भी आपका बार-बार कुछ ना कुछ खाने का मन करता रहता है।
फूड क्रेविंग के क्या क्या कारण होते हैं
तनाव और चिंता: तनाव और चिंता के कारण भी हम अक्सर कुछ न कुछ खाने की इच्छा महसूस करते हैं।
नींद की कमी: जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो हमारा शरीर भूख बढ़ाने वाला हार्मोन का अधिक उत्पादन करता है, जिसके कारण हमें भूख लगने लगती है।
पोषण की कमी: यदि हमारे शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी हो, तो हमें उस पोषक तत्व से भरपूर खाद्य पदार्थों की क्रेविंग हो सकती है।
कुछ दवाओं का प्रभाव: कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव भी फूड क्रेविंग हो सकता है।
फूड क्रेविंग से बचने के कौन कौन से तरीके अपना सकते है
नियमित भोजन करें: दिन में तीन बार नियमित भोजन करने से आपके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है, जिसके कारण आपको बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती है।
पर्याप्त पानी पीएं: पानी पीने से आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिसके कारण आपको कम भूख लगती है।
हेल्दी डाइट: स्वस्थ खाद्य पदार्थों से भरपूर भोजन करने से आपको पोषण मिलता है और आपको जंक फूड की क्रेविंग नहीं होती है।
नियमित व्यायाम करें: नियमित व्यायाम करने से तनाव और चिंता कम होती है, जिसके कारण आपको फूड क्रेविंग होने की संभावना कम होती है।
तनाव और चिंता को कम करें: तनाव और चिंता को कम करने के लिए योग, ध्यान, या अन्य एंटरटेनमेंट चीजों का अभ्यास करें।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।