सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है, जो की शिव भक्तों के लिए काफी ज्यादा महत्व रखता है। यह भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दौरान लोग पवित्र नदियों से जल भरकर शिवलिंग पर इसे चढ़ाते हैं। मान्यता है कि इस दौरान पूजा अर्चना करने पर भक्त की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। भगवान को प्रसन्न करने का यह अति शुभ महीना माना जाता है। इस मौसम में चारों ओर हरियाली ही छाई रहती है, खानपान को लेकर भी काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। इस दौरान कुछ चीजों को खाने की मनाही भी होती है।
हालांकि, एक ऐसी चीज है जो इस महीने में बहुत ही ज्यादा पसंद की जाती है। यह खास मिठाई हर किसी की जुबान पर होती है।
हर राज्य में नहीं मिलती
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह मिठाई सभी राज्यों में नहीं बिकती, बल्कि कुछ चुनिंदा स्टेट ही हैं जहां सावन के महीने में इसे खूब खाया जाता है। गोल आकार की जालीदार बनावट, उस पर राबड़ी या केसर की परत, इसे स्वाद में लाजवाब बनाती है। यह मिठाई नहीं बल्कि एक तरीके से परंपरा होती है।
घेवर
दरअसल, इस मिठाई का नाम घेवर है, जो की राजस्थान की सबसे फेमस मिठाई है, जिसे सावन के महीने में लोग बड़े ही चाव से खाते हैं। हालांकि, आज यह कई और अन्य राज्यों की भी प्रसिद्ध मिठाई बन चुकी है, जिनमें दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात का नाम शामिल है, जहां भारी मात्रा में दुकानों में घेवर बनाई जाती है और यह धड़ल्ले से बिकती है।
इसके बिना होता है अधूरा
घेवर कई प्रकार के होते हैं, जिनमें मीठा, मावा, सादा, चॉकलेट, केसर, कवि और स्ट्रॉबेरी शामिल हैं। इसके बिना सावन और रक्षाबंधन अधूरा माना जाता है। यह स्वाद में लाजवाब होने के साथ ही सेहत का खजाना भी है। बरसात में इसे खाने से कई सारे फायदे भी मिलते हैं। इन राज्यों में कई अन्य स्थानों से लोग घेवर खाने के लिए आते हैं। यहां बेटी के ससुराल जाने वाला सिंधारा घेवर के बिना भी अधूरा माना जाता है।
जानें फायदे
घेवर घी में तला जाता है, जिस कारण यह शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। दरअसल, इसे खाने से शरीर का सूखापन दूर होता है। यह इम्यूनिटी बूस्ट करने का भी काम करता है। इससे थकान और आलस कम हो जाता है।





