आपके घर में भी हैं कुछ ऐसे फूल, जिसे आयुर्वेद मानता है वरदान, जाने

जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। सदियों से आयुर्वेद में फूलों (Flowers) का इस्तेमाल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए किया जा रहा है। भारत के मेडिकल सा विज्ञान में फूलों का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। सिंगार और घर की शोभा ही नहीं बल्कि स्वास्थ संबंधी कई समस्याओं का निवारण भी होता है। हम अक्सर अपने घरों में अनेक प्रकार के सुंदर सुंदर फूलों के पौधे लगाते हैं लेकिन क्या आपको पता है आपके आसपास मौजूद यह फूल आपके लिए कितने ज्यादा गुणकारी साबित हो सकते और आपको कई बीमारियों से निजात भी दिला सकते। तो आइए जाने इन फूलों के बारे में।

यह भी पढ़े… Sarkari Naukari: यहाँ प्रोफेसर पदों पर निकली है भर्ती, आवेदन करने की अंतिम तिथि 11 जुलाई, जाने

गुड़हल का फूल

आयुर्वेद में गुड़हल के फूल को बहुत ही ज्यादा चमत्कारी माना गया है। धार्मिक तौर पर भी इस का अपना अलग ही महत्व होता है। साथ ही देवताओं का भी पसंदीदा माना जाता है। उनका फूल ना सिर्फ बालों के लिए बल्कि कई प्रकार की बीमारियों के लिए भी कारगर साबित हो सकता है। लाल रंग का दिखने वाला यह फूल विटामिन सी और अन्य कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"