बैडरूम किचन ड्राइंग रूम हो या फैमिली एरिया हर रूम की लाइट की जरूरत अलग होती है इसे ट्यूबलाइट के दौर की तरह सब जगह बराबर ना करें जहां बैठकर आप पेपर पढ़ते हैं किचन का कोई बारीक काम करते हैं वहां रोशनी ज्यादा और बाकी एरिया में कम रखें जनरल लाइटिंग वहां होती है जिससे ज्यादातर एरिया में रोशनी होती है जैसे ट्यूबलाइट या फाल्स सीलिंग में लगने वाली एलइडी पैनल लाइट जनरल लाइटिंग में भी आप फ्लाइट की कलर चुन सकते हैं जैसे वार्म व्हाइट कूल वाइट या फिर वाइट इन कलर को भी हर जगह की उपयोगिता के हिसाब से चुने ज्यादातर होम इंटीरियर्स में आजकल वार्म वाइट और को वाइट का उपयोग हो रहा है जो कलर स्कीम ऑफ फर्नीचर की कलर स्कीम पर निर्भर करता है वाइट लाइटिंग कमर्शियल एरिया में ज्यादा उपयोग होता है
स्पेसिफिक की टास्क लाइटिंग
जनरल लाइटिंग के अलावा कुछ एरिया को ऑफ इंटीरियर में लुक देने के लिए आज से या फिर उपयोगिता के आधार पर हाईलाइट कर सकते हैं उसे स्पेसिफिक लाइटिंग कहा जाता है जैसे स्टडी टेबल पर एक टेबल लेफ्ट लगाना उससे उस स्थान पर पढ़ने के लिए जनरल लाइटिंग के अलावा भी अधिक लाइट मिलेगी इसी तरह सीढ़ियों पर फुल लाइट लगाने से रात को सीढ़ियों का उपयोग करने पर आपको यह वह स्पष्ट दिखाई देंगे छत की जनरल लाइट ऑन नहीं करनी पड़ेगी इससे काफी हद तक करके दूसरे सदस्य डिस्टर्ब होने से बस सकेंगे।
डेकोरेटिव लाइटिंग
डेकोरेटिव लाइट से किसी पेंटिंग फोटो या वॉल आर्ट को हाइलाइट कर सकते हैं इससे हर रूम में उसकी उपयोगिता के अनुसार मोड क्रिएट करने के लिए लाइटिंग की जा सकती है अगर आप किसी खाली दीवार पर आर्ट पीस की तरह दिखने वाले सजावटी लाइट लगाएं तो वहां पूरे रूम के एंबिएंस पर प्रभाव डाल सकती हैं। डेकोरेटिव लाइटिंग में ब्राइट कलर्स के इस्तेमाल से प्रेस ना करें उदाहरण के लिए अगर कोई रूम क्रीम कलर स्कीम में है और आप उसके लिए कॉर्नर पर ऑरेंज कलर या हैंगिंग लैंप लगा दे तो यह बेहतरीन लुक दे सकता है इस तरह खुले एंट्रेंस एरिया में लैंप्स का प्रयोग किया जा सकता है।