टमाटर के पौधे को बर्बाद कर देंगी ये 3 चीज़ें, नंबर 2 सबसे ज़्यादा नुकसानदायक

अगर आप अपने घर की छत या आंगन में टमाटर उगाते हैं और चाहते हैं कि पौधा हरा-भरा रहे और ढेर सारे टमाटर दे, तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। कई लोग पौधे की देखभाल करते हुए कुछ ऐसी चीजें डाल देते हैं जो फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान कर देती हैं। यहां जानिए क्या न डालें और क्यों।

बाज़ार की मिलावटी सब्ज़ियों से बचने के लिए आजकल लोग घर पर ही सब्ज़ियां उगाना पसंद कर रहे हैं। बालकनी, छत या छोटी से गार्डन में टमाटर उगाना बेहद ही आम हो गया है। लेकिन कई बार लोग बिना सही जानकारी के टमाटर के पौधे (Tomato Plant) की देखभाल करते हैं, जिससे पौधों को फ़ायदा होने की बजाय नुक़सान होने लगता है।

अक्सर लोग टमाटर की ज़्यादा और रसीले फल पाने के चक्कर में पौधे में कुछ भी डाल देते हैं, चाहे वो बचा खुचा खाना हो या बिना सोचे समझे कोई भी खाद हो। यही गलतियां आपकी पौधे को बर्बाद कर सकती है। अगर आप चाहते हैं कि आपके पौधे में भरपूर और हेल्दी टमाटर लगे, तो ऐसी कुछ चीज़ें हैं जिन्हें आपको कभी भी टमाटर के पौधों में नहीं डालना चाहिए।

गलती से भी टमाटर के पौधे में न डालें ज्यादा यूरिया

टमाटर के पौधे में अधिक मात्रा में यूरिया डालना सबसे बड़ी गलती होती है। यूरिया में नाइट्रोजन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो शुरुआती ग्रोथ के लिए तो ठीक है, लेकिन अगर इसे जरूरत से ज्यादा दे दिया जाए तो पौधे में सिर्फ पत्ते और टहनियां ही बढ़ती हैं, फल लगना बंद हो जाता है।

ज्यादा यूरिया से मिट्टी की ऊपरी परत में अम्लता बढ़ती है, जिससे पौधे की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और वो पोषक तत्व ठीक से नहीं ले पाता। इससे फूल झड़ने लगते हैं और फल बनने की प्रक्रिया रुक जाती है। इसलिए यूरिया का इस्तेमाल सोच-समझकर और सीमित मात्रा में ही करें। विशेषज्ञ कहते हैं कि महीने में एक बार ही हल्की मात्रा में यूरिया देना पर्याप्त होता है।

किचन वेस्ट और गीला ऑर्गेनिक कचरा सीधे मिट्टी में न डालें

कई लोग टमाटर के पौधे में घर का किचन वेस्ट जैसे बचा हुआ खाना, गीले फल-सब्जियों के छिलके बिना सड़ाए सीधे डाल देते हैं, जो पौधे के लिए हानिकारक साबित होता है। बिना डिकंपोज किया हुआ ऑर्गेनिक वेस्ट पौधे की जड़ों में फंगस पैदा कर सकता है, जिससे पौधा धीरे-धीरे सूखने लगता है।

इसके अलावा, कच्चा कचरा गलने में समय लेता है और जब तक वो मिट्टी में पूरी तरह मिल नहीं जाता, तब तक पौधे को नुकसान पहुंचाता रहता है। इसलिए अगर आप किचन वेस्ट का खाद के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं तो पहले उसे कंपोस्ट करें और तभी पौधे में डालें। इससे पौधा पोषण भी लेगा और बीमारियों से भी बचेगा।

नमक या सोडा डालना टमाटर की फसल को बर्बाद कर सकता है

कुछ लोग गार्डनिंग टिप्स के नाम पर टमाटर के पौधों में नमक या बेकिंग सोडा डाल देते हैं, यह सोचकर कि इससे पौधे जल्दी फल देंगे या कीड़े दूर रहेंगे। लेकिन असल में ऐसा करना पौधे के लिए खतरनाक हो सकता है।

नमक या सोडा मिट्टी की पीएच वैल्यू को बिगाड़ सकते हैं और इससे पौधे की जड़ें जलने लगती हैं। इसका असर सीधे पौधे की हेल्थ पर पड़ता है, पत्ते मुरझाने लगते हैं और टमाटर के फूल झड़ जाते हैं। इसके अलावा, मिट्टी में नमक या सोडा जमा हो जाने से लंबे समय तक पौधों की ग्रोथ रुक सकती है। अगर कीड़े-मकोड़े से छुटकारा चाहिए तो नीम ऑयल स्प्रे या जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल करना बेहतर विकल्प है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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