Most Expensive Saree: दुनिया और हमारा देश भले ही आधुनिक हो गया हो लेकिन भारतीय संस्कृति की जड़े आज भी मजबूत है। हमारे पहनावे और रीति-रिवाजों में इसकी झलक साफ तौर पर दिखाई देती है। वेस्टर्न का जमाना होने के बावजूद भी महिलाओं का साड़ियों के प्रति प्रेम साफ तौर पर दिखाई देता है। यह प्यार हो भी क्यों ना क्योंकि साड़ी एक ऐसी चीज है जो हर महिला की खूबसूरती को निखार कर सामने लाती है।
फैशन हर दिन बदलता है और बाजार में साड़ियों की नई नई वैरायटी भी आती रहती है। वैसे तो आपको एक से बढ़कर एक डिजाइंस मिल जाएंगे लेकिन हैंडलूम साड़ियों की जो खूबसूरती होती है वह वाकई शानदार होती है। अगर आपको अपनी वॉर्डरोब में अलग-अलग राज्यों की अनोखी कला और बनावट को अपने अंदर समेटे हुए खूबसूरत साड़ी पहनने का शौक है तो हम आपको कुछ शानदार हैंडलूम साड़ियों के बारे में जानकारी देते हैं।
करहुआ कटवर्क साड़ी
करहुआ कटवर्क साड़ी वाराणसी की एक फेमस साड़ी है लेकिन इसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। यहां की सिल्क साड़ी के बारे में तो सभी लोग जानते हैं लेकिन कटवर्क साड़ी भी बहुत शानदार होती है। इस साड़ी को फिगरेटिव पैटर्न पर करहुआ टेक्निक के जरिए बनाया जाता है। इस साड़ी को दो लोग मिलकर बनाते हैं और बनाने में बहुत समय लगता है।
ये महंगी साड़ियों में शुमार है, हालांकि अब समय के साथ यह विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी है और इसे बनाने वाले कारीगर भी कम बचे हैं। इसे स्पेशल आर्डर पर तैयार करवाया जा सकता है। साड़ी की कीमत की बात करें तो साधारण कट वर्क करी हुई साड़ी 5000 तक में मिल जाएगी। जैसे-जैसे आप का काम हैवी होगा वैसे वैसे साड़ी का प्राइज बढ़ता जाएगा।
पाटन पटोला साड़ी
इस साड़ी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे दोनों और से पहना जा सकता है। इसी के साथ यह 100 सालों तक नई बनी रहती है। गुजरात के पाटन में बनाई जाने वाली साड़ी को पटोला के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह एक तरह का कपड़ा है। इस कपड़े को दोहरे इकत से बना जाता है।
ये साड़ी 6 गज की होती है जिसे बनाने के लिए ताने-बाने के धागों पर टाई डाइड डिजाइन तैयार की जाती है, जिसमें 3 से 4 महीने का वक्त लगता है। साड़ी आपको बाजार में 3000 से लेकर 1 लाख तक की कीमत में मिल जाएगी।
मूंगा सिल्क साड़ी
असम की खूबसूरत वादियां जितनी प्रसिद्ध है उतनी ही वहां की मूंगा सिल्क साड़ी भी फेमस है। आसामी मोटिफ्स से सजाई गई यह साड़ी बहुत ही खूबसूरत लगती है। यह साड़ी लंबी ड्यूरेबिलिटी के लिए जानी जाती है। इसका मतलब यह है कि अगर इसे संभाल कर रखा जाएगा तो यह हमेशा नई बनी रहेगी।
ये साड़ी येलो और गोल्डन कलर में आती है और इस पर ग्लोइंग टेक्सचर किया जाता है। इस तरह की साड़ियां रॉयल फैमिली में पहनी जाती थी लेकिन आजकल यह अफॉर्डेबल प्राइस में मार्केट में आसानी से मिल जाती है। कहा जाता है कि मूंगा सिल्क साड़ी जितनी पुरानी होती है इसकी चमक उतनी बढ़ती जाती है। साड़ी की कीमत की बात करें तो इसकी शुरुआती कीमत 2 हजार से शुरू होती है। लेकिन अगर आप महंगाई की बात करें तो यह आपको 2 लाख रुपए की वैराइटी में भी मिल जाएगी।
यही वह 3 साड़ियां हैं जो भारत की सबसे महंगी साड़ियों में शुमार है। आजकल तो फैशन के साथ नई नई चीजें मार्केट में मिलने लगी है। स्टोन वर्क के साथ सोने और चांदी के तारों का काम भी साड़ियों पर किया जाता है जिनसे उनकी कीमत बढ़ जाती है। लेकिन प्राकृतिक चीजों और कारीगरों की मेहनत से तैयार की गई पुराने समय से चली आ रही साड़ियों का मुकाबला आजकल की साड़ियों के लिए कर पाना मुश्किल है।
अगर आप भी इस तरह की साड़ियों को अपने वॉर्डरोब कलेक्शन में शामिल करना चाहती हैं तो किसी अच्छे स्टेट हैंडलूम से खरीद सकती हैं। आप चाहे तो वस्त्र मंत्रालय द्वारा समय-समय पर लगाए जाने वाले प्रदर्शनी उसे भी इनकी खरीदारी कर सकती हैं। निश्चित तौर पर यह साड़ियां आपकी खूबसूरती में चार चांद लगा देगी।