आपकी रोजाना की इन आदतों से बच्चे का दिमाग हो सकता है कमजोर, अभी करें सुधार

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा तेज दिमाग और समझदार बने, लेकिन कई बार अनजाने में की गई कुछ गलतियां उसके मानसिक विकास पर बुरा असर डाल सकती हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा बुद्धिमान और होशियार बने, तो जरूरी है कि आप अपनी कुछ आदतों पर ध्यान दें।

Bhawna Choubey
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सभी माता-पिता अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं, सभी को अपने बच्चे बहुत प्यारे लगते हैं। हर माता-पिता की यही ख़्वाहिश होती है कि वे अपने बच्चों की अच्छी से अच्छी परवरिश करें, ताकि उनका बच्चा जीवन में हमेशा आगे बढ़े उसे कभी भी किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़े। यही कारण है कि माता-पिता बच्चों को बचपन से ही हर प्रकार की सुख सुविधाएँ प्रदान करते हैं, लेकिन इस बात में कोई श़क नहीं है कि बच्चों की परवरिश करना कोई आसान बात नहीं होती है।

बच्चे हर छोटी से बड़ी आदतें अपने माता-पिता से ही सीखते हैं, ऐसे में माता पिता की ज़िम्मेदारी बनती है कि वे न सिर्फ़ बच्चों को अच्छी आदतें सिखाएं बल्कि ख़ुद भी अच्छी आदतों को अपनाए, जैसे कि बच्चा देखकर ख़ुद-ब-ख़ुद अच्छी आदतों को सीख लें। आज हम आपको उन आदतों या फिर गलतियों के बारे में बताएँगे, जो माता पिता अक्सर करते हैं।

 ये आदतें बच्चे की बुद्धि पर डाल सकती हैं असर (Parenting Tips)

बच्चों की ग़लतियों को पकड़ना

अधिकांश घरों में देखा जाता है, कि माता पिता बच्चों को बार बार डाँटते हैं, उनकी छोटी छोटी गलतियों पर भी ज़रूरत से ज़्यादा ध्यान देते हैं, बच्चों को बार बार उनकी ग़लतियां गिनवाते हैं। साथ ही साथ देखा जाता है कि माता पिता अक्सर बच्चों की बातों को ग़लत ठहराते रहते हैं। अगर आप में भी यह सारी आदतें है, तो आपको तुरंत अपनी आदतों पर ध्यान देना चाहिए। आपकी इन आदतों के कारण बच्चों का आत्मविश्वास कमज़ोर होता है, आपकी इस आदतों की वजह से बच्चे हद से ज़्यादा सोचते हैं, और दें छोटी उम्र में ही ओवर थिंकिंग का शिकार हो जाते हैं।

ज़्यादा मोबाइल चलाना

अक्सर देखा जाता है कि माता पिता हमेशा बच्चों को मोबाइल देखने के लिए मना करते हैं, लेकिन वे ख़ुद भी हमेशा मोबाइल देखते रहते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा मोबाइल से दूर रहे, तो आपको भी मोबाइल से दूरी बनानी होगी। ज़्यादा स्क्रीन देखने से याददाश्त कमज़ोर होती है साथ ही साथ किसी भी काम में मन नहीं लगता है। अगर आपको ज़्यादा मोबाइल देखेंगे तो आपका बच्चा भी ज़्यादा मोबाइल देखेगा, बच्चों की आंखें कमज़ोर होती है, अगर वे छोटी उम्र में ही हद से ज़्यादा मोबाइल देखेंगे तो उनकी आँखें बहुत जल्दी ख़राब हो सकती है।

रात में देर से सोना

आजकल लोगों की जीवनशैली पूरी तरह से बदल चुकी है, लोगों का खाने पीने और सोने उठने का समय पूरी तरह बदल गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बदलती जीवनशैली कि आप अपने आपका कितना नुक़सान कर रहे हैं। जैसे जीवनशैली आप अपनाते हैं आपका बच्चा भी वैसे ही जीवनशैली अपनाता है। हर माता पिता को अपने बच्चों का सोने और जागने का समय फिक्स कर देना चाहिए, बच्चों के मानसिक विकास के लिए पर्याप्त नींद बेहद आवश्यक होती है।

बच्चों को नज़रअंदाज़ करना

अक्सर देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों से खुलकर बातचीत नहीं करते हैं, इसी वजह से बच्चों को कभी भी अपने मन की बात कहने का मौक़ा नहीं मिलता है। माता पिता को रोज़ाना अपने बच्चे से बातचीत करनी चाहिए, उसे उसकी दिनचर्या के बारे में पूछना चाहिए, वो जाना पूछे की स्कूल में उसने क्या किया, आज उसके साथ क्या क्या हुआ, जब आप इस तरह की बातें अपने बच्चों से करते हैं तो बच्चा ख़ुद को सुरक्षित महसूस करता है, अब आपको अपने मन में चल रही सारी बातें भी शेयर कर देता है। जब कभी भी आप अपने बच्चों की बातें सुने, तो उन्हें समझने की कोशिश करें।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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