भारत में मुगलों का शासन लंबे अरसे तक रहा है। इनकी कहानी बचपन से ही हम इतिहास के पन्नों पर पढ़ते आ रहे हैं। देश के विकास में इनका महत्वपूर्ण योगदान भी रहा है। बाबर की हुकूमत से औरंगज़ेब तक का शासन काल काफी रोचक और मजेदार रहा है। अपने शासनकाल के दौरान मुगलों ने किलो का निर्माण कराया, भव्य मकबरे बनवाए, ताजमहल जैसी अनोखी धरोहर बनवाई, जो आज भारत की पहचान है। इसे देखने के लिए विश्व भर के लोग पहुंचते हैं। इनका नाम सुनते ही लोगों को ऐसा लगता है कि यह काफी क्रूर किस्म के शासक रहे होंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। कुछ बादशाह बहुत ही करुणा में दिल के थे, जो अपनी जनता के बीच रहकर उनका खास ख्याल रखते थे।
हालांकि, बादशाह जहां रहते थे, वहां बहुत सारे कमरों का निर्माण करवाया जाता था। हर किसी के लिए अलग-अलग कमरे बनाए जाते थे। रसोई घर से लेकर बात बगीचे तक की अपनी अलग-अलग महत्वपूर्ण भूमिका होती थी।

खाने का शौकीन
मुगलों का नाम सुनते ही लोगों के मन में यह आता है कि वह हमेशा मांसाहारी भोजन ही किया करते थे, लेकिन यह बात काफी हद तक गलत है। इतिहासकारों की मानें तो मुगल काल के कुछ बादशाह ऐसे भी रहे हैं, जिन्हें नॉन वेज खाने से परहेज था। वहीं, एक मुगल बादशाह ऐसा भी था, जो कि व्यंजनों का शौकीन रहा। वह मौसम के हिसाब से खाना खाया करता था।
जहांगीर
इस मुगल शासन का नाम जहांगीर है, जो कि खाने का सबसे बड़ा शौकीन माना जाता है। जहांगीर का स्वाद और खाना पीना बाकी मुगलों से काफी अलग और खास रहा था। इतिहास के पन्नों को पलट कर देखा जाए, तो उसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि वह मौसम के हिसाब से खाना खाता था। वह हर मौसम के अनुसार अलग-अलग व्यंजन पसंद करता था।
मेवे का था शौकिन
इतिहासकारों के अनुसार, जहांगीर कश्मीरी, बंगाली, अवधि और विदेशी व्यंजनों का आनंद खूब लिया करता था। उसके लिए खाने में देश-विदेश से खास सामग्री मंगवाई जाती थी और उन्हें थाली के रूप में परोसा जाता था। जहांगीर को अफगानिस्तान से मंगवाए हुए अंगूर, कश्मीर के सेब, चीन का चाय काफी ज्यादा पसंद था। इसके अलावा, वह शराब और मेवे का भी काफी शौकीन था। उसके लिए हमेशा अलग-अलग तरह के शराब परोसे जाते थे और उसमें गुलाब जल भी मिलाया जाता था।