भारत (MP) में घूमने फिरने के लिए अनेकों स्थान है। वहीं, खाने के शौकीन भी देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी जाकर तरह-तरह की डिशेस को ट्राई करते हैं। खाना बनाने वाले और खाना खाने के शौकीन लोग अमूमन हर जगह ही पाए जाते हैं, जो भारत भ्रमण करते हैं और हर राज्य के स्थानीय व्यंजन को टेस्ट करते हैं। स्वाद में लाजवाब होने के साथ-साथ शानदार तरीके से भी पेश किया जाता है। शेफ द्वारा आए दिन नए व्यंजन को ट्राई किया जाता है। इंडियन टेलीविजन में खाना खजाना से जुड़े सीरियल भी टेलीकास्ट किए जाते हैं।
आज के आर्टिकल में हम आपको मध्य प्रदेश के गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां दाल और रोटी खाने के लिए विदेशी पर्यटक भी पहुंचते हैं। इस व्यंजन का लुफ्त उठाते हैं। अमूमन दाल और रोटी कहीं भी आसानी से मिल जाता है।

दाल-रोटी है प्रसिद्ध
दाल रोटी बहुत किसी का पसंदीदा व्यंजन होता है। लोग तरह-तरह की दाल को बनाकर रोटी के साथ उसे बड़े चाव से खाते हैं। इसके साथ उन्हें सलाद या फिर अचार मिल जाए, तो खाने का टेस्ट और भी ज्यादा बढ़ जाता है। वहीं, रोटी और दाल के लिए इतनी ज्यादा दीवानगी मध्य प्रदेश के इस गांव में देखने मिलती है, जहां भारत से ही नहीं राज्य से ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग यहां पहुंचते हैं।
चौसठ योगिनी मंदिर
मध्य प्रदेश में कई ऐसे पकवान है, जो काफी ज्यादा फेमस है। यह स्वाद के लिए विश्व भर में भी फेमस है, लेकिन यदि आप चौसठ योगिनी मंदिर आते हैं, तो यहां का देहाती कल्चर आपको बहुत पसंद आने वाला है। यहां देहाती कल्चर पर स्टे होम बनाए गए हैं, जहां ठहरने वाले सैलानियों को सादा भोजन यानी दाल रोटी काफी ज्यादा पसंद आता है।
मंदिर का इतिहास
मंदिर का इतिहास 1055 से 1075 ईसा के बीच माना जाता है। जिसका निर्माण कच्छप घाट राजा देव पाल ने करवाया था। यहां ज्योतिष और गणित की शिक्षा दी जाती थी। साल 1951 में इस मंदिर को ऐतिहासिक स्मारक घोषित कर दिया गया। इस मंदिर को तांत्रिकों की यूनिवर्सिटी के नाम से भी जाना जाता है। यदि आप भी सादा भोजन यानी दाल रोटी का कंबीनेशन खाना चाहते हैं, तो आप इस मंदिर को जरूर एक्सप्लोरर करें। यहां आपको देहाती कल्चर के साथ-साथ सादा खाना भी मिलेगा। यह स्वाद में काफी ज्यादा लाजवाब होता है।