लाइट की स्पीड पर हमेशा से ही वैज्ञानिकों और आम लोगों में भी चर्चा होता रहता है, क्योंकि इसकी स्पीड इतनी ज्यादा है इसके बारे में सोच पाना भी लगभग असंभव है। हालांकि वैज्ञानिकों ने इसकी स्पीड का अंदाजा लगा रखा है। बता दे की लाइट की स्पीड 299792458 मीटर प्रति सेकंड है। अगर इसे किलोमीटर पर देखा जाए तो यह लगभग 300 000 किलोमीटर प्रति सेकंड है। दुनिया में इससे तेज कुछ भी नहीं है। यह दुनिया की सबसे तेज स्पीड है। ऐसा भी माना जाता है कि इसकी स्पीड से तेज दुनिया की कोई भी चीज ट्रैवल नहीं करती है। बता दे कि लाइट की स्पीड का इस्तेमाल समय और स्थान की जानकारी को समझने के लिए किया जाता है।
लेकिन साइंस की फील्ड में हमेशा से ही यह सवाल उठता आया है कि क्या कोई इंसान प्रकाश की गति से भी यात्रा कर सकता है? और अगर ऐसा हो सकता है तो इसका परिणाम क्या होगा। चलिए समझते हैं इसके पीछे की थ्योरी क्या है।
क्या कहता है नियम?
नियमों पर नजर डाली जाए तो प्रकृति के भी कुछ नियम होते हैं ऐसा माना जाता है कि कोई भी इंसान लाइट की स्पीड से ट्रैवल नहीं कर सकता है अगर ऐसा होता तो भी इंसान कभी अमर नहीं हो सकता है। अगर इंसान प्रकाश की गति से यात्रा करता है तो सिर्फ समय का फैलाव होगा। यानी जो इंसान समय की गति से ट्रैवल करेगा उसके लिए समय धीमा हो जाएगा वह धरती पर तो सामान्य समय गति से ही चलेगा दरअसल सिद्धांत कहता है कि कोई भी चीज जब प्रकाश की गति के करीब भी पहुंचती है तो उसके लिए समय एकदम धीमा हो जाता है लेकिन यह समय धरती पर सामान्य तरह से ही चलता है।
क्या कोई बदलाव आएगा?
हालांकि अब तक ऐसी कोई तकनीक नहीं है जिससे लाइट की स्पीड से ट्रैवल किया जा सके लेकिन कुछ लोगों में यह भ्रम है कि इस स्पीड से केवल करने से अमरता आ जाती है लेकिन असल में ऐसा नहीं है सिर्फ यात्रा करने वाले शख्स के लिए समय धीमा हो सकता है लेकिन उसकी जैविक प्रक्रियाएं वैसे ही सामान्य चलती रहेगी। जैसे वह पहले था और आखिर में यह सब उसी प्रकार खत्म होगा जैसे एक आम व्यक्ति के लिए होता है हालांकि एक सिद्धांत यह भी है कि प्रकाश की गति से यात्रा करने के लिए अत्यधिक ऊर्जा की भी जरूरत होती है और वर्तमान समय में ऐसी कोई भी ऊर्जा नहीं है ऐसी कोई भी तकनीक को विकसित नहीं किया गया है जो कभी भी प्रकाश की गति से ट्रेवल कर सके।





